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स्लीपिंग डिसऑर्डर: जानें अपनी अनिद्रा का कारण

नींद न आना या बिना कारण जल्दी उठ जाना। अनिद्रा रोग है, जिसे इन्सोम्निया कहते हैं। इन्सोम्निया कई तरह का होता है।

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Sleeping Disorder

Sleeping Disorder

इडियोपेथिक इन्सोम्निया
इसकी शुरुआत गर्भावस्था या बचपन से होती है। जो वयस्क होने तक बनी रहती है। इसका कारण है शरीर में कम सक्रिय नींद प्रणाली या अधिक सक्रिय नींद प्रणाली (अंडर एक्टिव व ओवर एक्टिव स्लीप सिस्टम) में जन्मजात असंतुलन। चिकित्सा विज्ञान इसका कारण आज तक खोज नहीं पाया है।
सायको फिजियोलॉजिकल
इस किस्म के रोगी केवल इस चिंता में नहीं सोते कि नींद नहीं आएगी। ये लोग सोने का समय नजदीक आते ही चिंताग्रस्त हो जाते हैं। न सो पाने की चिंता रहने के कारण ये बिल्कुल ही नहीं सोते हैं। यह बीमारी मनोवैज्ञानिक तौर पर ज्यादा प्रभाव डालती है। जिससे तनाव बढ़ता है।
बिहेवियर इन्सोम्निया
कई बच्चे माता-पिता नजदीक नहीं हो तो नहीं सोते। इसे बिहेवियर इन्सोम्निया कहते हैं। इसका उपचार है बच्चों के लिए फिक्स स्लीपिंग टाइम का सख्ती से पालन।
पेराडाक्सियल
बाहरी वातावरण या आंतरिक कारणों से अक्सर लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। इसे पेराडाक्सियल कहते हैं। इसमें पीडि़त नींद लेने की अपनी समयावधि को लेकर भ्रमित रहते हैं।
एडजस्टमेंट इन्सोम्निया
तनाव के कारण होने वाला यह अनिद्रा रोग अल्पकालिक होता है। तनाव खत्म हो जाने या तनाव से समझौता कर लेने पर नींद आने लगती है। यह जरूरी नहीं है इसका रोगी पर नकारात्मक प्रभाव ही होगा। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखे गए हैं।