जिनमें कारण स्पष्ट नहीं होता उसे इडियोपैथी कहते हैं। रोग की वजह 15 प्रतिशत रोगियों में ही स्पष्ट होती है। सुनने में सहायक आठवीं क्रेनियल नस पर वायरल संक्रमण के कारण जब दबाव पड़ता है तो इसका कार्य बाधित होता है और सूजन आने से दिक्कत होती है। 40-50 वर्ष की उम्र में ऐसा अधिक होता है। कान में अचानक चोट लगने, संक्रमण, वैक्स फूलने से भी अचानक सुनाई देना कम या बंद होता है।
अचानक सुनाई देना बंद होना। कुछ लोगों को रात में ठीक सुनाई देने के बावजूद सुबह उठते ही एक कान में सुनाई देना लगभग बंद होने की शिकायत होती है। अक्सर दूसरा कान ठीक होने से इस पर ध्यान नहीं जाता। इसके अलावा कान में भारीपन लगता है। बहरेपन के साथ यदि चक्कर व सीटी की आवाज आए तो ऐसा लेब्रिन्थाइटिस, आंतरिक भाग में संक्रमण, सूजन या ट्यूमर, मिनियर्स रोग या अंतर्द्रव्य बढऩा भी हो सकता है।
कान में सुनाई देने की क्षमता-तीव्रता को जानने के लिए ऑडियोमेट्री टैस्ट करते हैं। एमआरआई व सीटी स्केन भी करते हैं। कान के अंदर नस की सूजन को तुरंत कम करने के लिए स्टेरॉएड या एंटीवायरल दवा देते हैं। इसे टेबलेट के रूप में खाने व इंजेक्शन के रूप में नस या कान के पर्दे से सीधे कान में अंदर पहुंचाते हैं। हाइपरवेरिक ऑक्सीजन थैरेपी की मदद से एयर प्रेशर को बढ़ा देते हैं।