हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड वेसेल्स यानि धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। सामान्य स्थित में रक्त प्रवाह 120/80 होती हैं लेकिन उम्र बढ़ने पर ये 140/90 तक भी सामान्य मानी जाती है। लेकिन इससे ज्यादा होना खतरे का संकेत है।
हालांकि हाइपरटेंशन की बीमारी से पहले प्री-हाइपरटेंशन का संकेत मिलता है। इसे पहचानना जरूरी है।
लिए जिम्मेदार होती हैं। अन्य वजहों में कुछ बीमारियां भी हैं जिम्मेदार होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर दोनों ही जानलेवा हो सकते हैं अगर उसे कंट्रोल में न रखा जाए।
हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड वेसेल्स यानि धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। सामान्य स्थित में रक्त प्रवाह 120/80 होती हैं लेकिन उम्र बढ़ने पर ये 140/90 तक भी सामान्य मानी जाती है। लेकिन इससे ज्यादा होना खतरे का संकेत है।
हालांकि हाइपरटेंशन की बीमारी से पहले प्री-हाइपरटेंशन का संकेत मिलता है। इसे पहचानना जरूरी है।
हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड वेसेल्स यानि धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। सामान्य स्थित में रक्त प्रवाह 120/80 होती हैं लेकिन उम्र बढ़ने पर ये 140/90 तक भी सामान्य मानी जाती है। लेकिन इससे ज्यादा होना खतरे का संकेत है।
हालांकि हाइपरटेंशन की बीमारी से पहले प्री-हाइपरटेंशन का संकेत मिलता है। इसे पहचानना जरूरी है।
प्री-हाइपरटेंशन की स्थित को पहचानें
प्रीहाइपरटेंशन की स्थिति तब बनती है जब ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर तो हो, लेकिन उस लेवल तक नहीं पहुंचे जिसमें इसे हाइपरटेशन माना जाए। उच्च रक्तचाप की रीडिंग्स, सिस्टोलिक प्रेशर के साथ 120 से 139 mm Hg और डायस्टोलिक प्रेशर के साथ 80 से 89 mm Hg को प्री-हाइपरटेंशन का संकेत देता है। अगर इस स्थिति को समझ कर अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर लिया जाए तो हाइपरटेंशन को टाला जा सकता है। क्योंकि हाई बीपी अचानक से बिना संकेत ही शरीर में तबाही मचा सकता है।
प्रीहाइपरटेंशन की स्थिति तब बनती है जब ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर तो हो, लेकिन उस लेवल तक नहीं पहुंचे जिसमें इसे हाइपरटेशन माना जाए। उच्च रक्तचाप की रीडिंग्स, सिस्टोलिक प्रेशर के साथ 120 से 139 mm Hg और डायस्टोलिक प्रेशर के साथ 80 से 89 mm Hg को प्री-हाइपरटेंशन का संकेत देता है। अगर इस स्थिति को समझ कर अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर लिया जाए तो हाइपरटेंशन को टाला जा सकता है। क्योंकि हाई बीपी अचानक से बिना संकेत ही शरीर में तबाही मचा सकता है।
हाई बीप सबसे बड़े कारण-High Beep Biggest Reasons 1. देर रात खाने की आदत
2. स्मार्टफोन पर लंबे वक्त तक समय बिताना
3. फिजिकल एक्टिविटी बिलकुल न करना
4. स्ट्रेसफुल लाइफ में रहने की आदत
5. जंक फूड, ऑयली फूड खाने की आदत
6. हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज आदि
2. स्मार्टफोन पर लंबे वक्त तक समय बिताना
3. फिजिकल एक्टिविटी बिलकुल न करना
4. स्ट्रेसफुल लाइफ में रहने की आदत
5. जंक फूड, ऑयली फूड खाने की आदत
6. हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज आदि
हाइपरटेंशन के लक्षण-symptoms of hypertension
हाइपरटेंशन में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत शुरू होती है। इसके अलावा बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना शुरू हो जाता है। जो बाद में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, रेटिनल हैमरेज और किडनी फेल होने की वजह बन सकता है। समय रहते इन चीजों पर ध्यान देने से हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्त्चाप को रोका जा सकता है।
हाइपरटेंशन में चक्कर आना, धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाना, सिर दर्द की शिकायत शुरू होती है। इसके अलावा बेचैनी, थकान, अनिंद्रा, गुस्सा आना शुरू हो जाता है। जो बाद में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, रेटिनल हैमरेज और किडनी फेल होने की वजह बन सकता है। समय रहते इन चीजों पर ध्यान देने से हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्त्चाप को रोका जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के उपाय-ways to keep high blood pressure under control
अगर आप रोजाना 45 मिनट कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं तो आप प्री-हाइपरटेंशन के लक्षण को 50 प्रतिशत तक कम कर हाइपरटेंशन को टाल सकते हैं। इसके लिए आप सीढ़ी पर चढ़ना, साइकिलिंग, ट्रेडमिल, तैराकी, रस्सी कूदना, जंपिंग जैक, शामिल कर सकते हैं।
अगर आप रोजाना 45 मिनट कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं तो आप प्री-हाइपरटेंशन के लक्षण को 50 प्रतिशत तक कम कर हाइपरटेंशन को टाल सकते हैं। इसके लिए आप सीढ़ी पर चढ़ना, साइकिलिंग, ट्रेडमिल, तैराकी, रस्सी कूदना, जंपिंग जैक, शामिल कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।