बहुत ज्यादा खाना या बहुत ज्यादा तैलीय और स्ट्रीट फूड लेना। ज्यादा व्रत करना या भूखे पेट रहना या फिर लंबे समय तक भूखे पेट रहने के बाद एक साथ ढेरा सारा भोजन करना। यह लीवर पर तेजी से पाचन करने का दबाव बढ़ा देता है।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन जिनमें प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल स्वीटनर जैसे कृत्रिम रसायन का प्रतिशत अधिक हो।
ज्यादा दवाओं के सेवन से साइड इफेक्ट्स के तौर पर लीवर की कार्यक्षमता में कमी।
पानी का कम उपयोग करना। बहुत अधिक शराब का सेवन करना।
कच्चे और पका कर खाए जाने योग्य खाद्य पदार्थों को तीन और पांच के अनुपात में बांट कर थोड़े थोड़े अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं।
सुबह या शाम को थोड़ा सा वक्त आप के लिए जो भी मुफीद हो हल्के शारीरिक व्यायाम के लिए निकालें। ये व्यायाम शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं और अतिरिक्त कैलोरी पचाने में लीवर की सहायता करते हैं।
कोशिश करें की सुबह 7 से 9 के बीच नाश्ता कर लें ताकि पोषक तत्वों को सबसे पहले पचने का समय मिल सके।
प्रोटिन युक्त डाइट को पचने में ज्यादा समय लगता है इसलिए अगर हेवी डाइट ली है तो उसे पचने का समय दें।
दिल की सुनने की जगह हाइपोथेलेमस की सुनें जो आपको भूख लगने का एहसास करवाता है।
ज्यादा खाने से बचें, ज्यादा खाने का मतलब एक बार में ली जाने वाली मात्रा से है। थोड़ा-थोड़ा करके कई बार भोजन लेना ज्यादा ठीक होगा।