
नेत्रदान महादान है। एक कॉर्निया दान से तीन लोग दुनिया देख पाते हैं। मृत्यु के 6 घंटे तक ही नेत्रदान कर सकते हैं। इसकी सूचना तुरंत नजदीकी आई बैंक या कलेक्शन सेंटर को दें।
यह है प्रक्रिया: नेत्रदान की प्रक्रिया में केवल 10 से 15 मिनट ही लगते हैं, साथ ही शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता। प्रत्यारोपण के लिए केवल आंख का कार्निया ही काम आता है।
ऐसे करते प्रत्यारोपण: नेत्र प्रत्यारोपण प्रतीक्षा सूची के क्रमानुसार ही किया जाता है। आंखें खरीदी और बेची नहीं जा सकती। नेत्रदान करने से पहले अंगदाता के परिवार की अनुमति भी ली जाती है।
आप भी लें संकल्प: आप भी नेत्रदान का संकल्प ले सकते हैं। इसके लिए आइ बैंक सोसाइटी, मेडिकल/ पुलिस हेल्पलाइन से इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं।
कौन कर सकता है: एक्सीडेंट, हृदय रोग, बीपी, डायबिटीज, अस्थमा आदि से मौत के मामले में नेत्रदान श्रेष्ठ है।
डेटा पर एक नजर: देश में सालभर में लगभग एक करोड़ लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से 45 हजार ही नेत्रदान करते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
26 Aug 2023 07:14 pm
Published on:
26 Aug 2023 07:13 pm
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