scriptटॉन्सिल में संक्रमण चिंता की बात | Tonsils Infection is a matter of concern | Patrika News

टॉन्सिल में संक्रमण चिंता की बात

locationजयपुरPublished: Mar 29, 2019 06:26:48 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

यदि समय पर टॉन्सिल के संक्रमण पर ध्यान नहीं दिया जाए तो कई तरह के रोग हो सकते हैं। कई बार डॉक्टर्स टॉन्सिल की स्थिति को देखते हुए उसे निकालने की सलाह देते हैं।

Tonsils

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उपचार में एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं
टॉन्सिल में बार-बार संक्रमण चिंता की बात है। शरीर के बॉडीगार्ड टॉन्सिल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाएं रखने में अहम रोल निभाते हैं। गले में दोनों तरफ तालू के नीचे पिण्डनुमा संरचना में टॉन्सिल स्थित होते हैं जो एक प्रकार के लिम्फाइड ऊतक है। टॉन्सिल में संक्रमण को टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। इसके उपचार में एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। ये यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चों में ज्यादा होती है। इसके लक्षणों में सूजन, गले में दर्द, बुखार व निगलने में तकलीफ होती है। टॉन्सिल को लेकर कई तरह के भ्रम हैं। कई बार गलत जानकारी एवं सलाह के कारण अनावश्यक रूप से टॉन्सिल को निकाल दिया जाता है।
किन कारणों से टॉन्सिल निकाल देते हैं?
यदि एक साल में चार से छह बार से ज्यादा संक्रमण हो। टॉन्सिल का एक ओर का आकार बढ़ जाएं। इनका आकार बढऩे के कारण निगलने में परेशानी हो रही हो। टॉन्सिल में मवाद निकालने के डेढ़ माह में वापस से संक्रमण होना।
टॉन्सिल निकालने से क्या होता है?
यदि टॉन्सिल ज्यादा परेशानी दे रहे हैं तो ही उन्हें निकाला जाता है। इसको निकालने से शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
टॉन्सिल का बढऩा गलत क्यों है?
हमारे गले में दो टॉन्सिल होते हैं। वैसे टॉन्सिल के महज आकार में थोड़े बढऩे को ही असामान्य नहीं माना जाता जब तक कि ये खाने या सांस लेने में रुकावट पैदा करने न करने लगें। यदि एक तरफ
के टॉन्सिल का आकार अत्याधिक बढ़ रहा है तो इसकी अनदेखी न करें। ये कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।
(एक्सपर्ट: डॉ.शुभकाम आर्य, ईएनटी विशेषज्ञ)
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