ये हंै कारण : मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होने या रुकने पर ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होती है जिससे रक्त शिराओं में थक्के जम ना, ब्लॉके ज या रिसाव हो सकता है । जब प्रवाह रुकने से मस्तिष्क में स्थायी क्षति होती है तो इसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं ।
मिनी स्ट्रोक : कभी-कभी स्ट्रोक के ल क्षण कुछ मिनटों से कुछ घंटों तक ही रहते हैं । इस स्थिति को ट्रांजिएट इस्की मिक अटैक या मिनी स्ट्रोक कहते हैं । यह भविष्य में स्ट्रोक की चेतावनी है इस लिए इसे गंभी रता से लें ।
प्रमुख लक्षण : शरीर के एक तरफ चेहरे, बाजू या टांग में कमजोरी व सुन्नता । बात न कर पाना या आवाज लड़खड़ाना। एक या दोनों आंखों से देखने में दिक्कत । संतुलन बनाने में समस्या या चक्कर व उल्टी आना । तेज सिरदर्द होना या भ्रम की स्थिति ।
इन्हें खतरा : हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, तनाव, हृदयरोग, अत्यधिक वसायुक्त भोजन व धूम्रपान और शराब के सेवन से स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है ।
ध्यान रखें : नियमित व्या याम करें और ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें । संतुलित भोजन लें व मोटापे को नियंत्रित रखें। शराब व धूम्रपान से बचें । स्ट्रोक एक आ पात स्थिति है, लक्षण दि खाई देेने के साढ़े चार घंटे के भीतर उपचार शुरू होने पर इसका इलाज संभव है ।
यह भी जानें
स्ट्रोक के 10 प्रति शत मरीज ही पूरी तरह ठीक हो पाते हैं ।
25 प्रतिशत मरी जों में मामूली कमजोरी रहती है व 40 प्रतिशत रोगी अत्यधिक कमजोरी महसूस करते हैं ।