– कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। अतः तुरन्त रक्त की जॉंच करवाना, सभांवित उपचार लेना तथा मलेरिया पाये जाने पर आमूल उपचार लेना आवश्यक है।
– बुखार होने पर क्लारोक्विन की गोलिया देने से पहले जांच के लिए खून लेना आवश्यक है। रक्त की जांच से ही यह पता चलता है कि मलेरिया है या नहीं। जांच के लिए कींटाणु रहित सुई को मरीज की अनामिका अंगुली में थोड़ा से प्रवेश कराकर खून की एक दो बूंदे कांच की पट्टिका से स्लाइड बनाई जाती है।
दुनिया की जानलेवा बीमारियों में से एक मलेरिया का टीका बच्चों को लगाया जाना शुरू कर दिया गया है। अफ्रीकी देश मलावी में बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए टीका दिया गया है। 2009-2014 तक इस टीके का ट्रायल किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसकी जानकारी दी है। दावा किया जा रहा है कि इस टीके से मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। पूरी दुनिया खासतौर पर अफ्रीकी देशों में इस बीमारी का प्रकोप सबसे ज्यादा है।