सच्चाई : यह सच नहीं है, क्योंकि ब्रेन ट्यूमर की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि वह मस्तिष्क के किस हिस्से में मौजूद है और सर्जरी से इसे पूरी तरह निकाला जा सकता है या नहीं। इसके आधार पर तय होता है कि ये ट्यूमर गंभीर है या नहीं।
सच्चाई : रेडिएशन के अत्यधिक संपर्क में आने के कारण ट्यूमर बनता है जिसमें बे्रन ट्यूमर शामिल है। उदाहरण के लिए एक्सरे, आयोनाइजिंग व एटॉमिक रेडिएशंस आदि का रेडिएशन। ये इसका कारण हैं या नहीं अब तक इसकी पुख्ता जानकारी नहीं आई है।
सच्चाई : ऐसा नहीं है, ब्रेन ट्यूमर के लिए उम्र कोई कसौटी नहीं है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। नवजात में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले पाए जाते हैं। हालांकि उम्र के साथ ये अधिक घातक हो जाता है। इसलिए लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ से संपर्क करें ताकि इसे रोका जा सके।
सच्चाई : यह सच नहीं है। बिनाइन (सामान्य) ट्यूमर को सर्जरी द्वारा निकाल दिया जाता है तो ऐसा कभी-कभार ही होता है कि वह दोबारा बन जाए। लेकिन कुछ मामलों 10 से 15 साल बाद ये दोबारा भी हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए समय-समय पर इसकी नियमित जांच कराना जरूरी है।
सच्चाई : यह सच नहीं है। कुछ सामान्य लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। मस्तिष्क में ट्यूमर की लोकेशन के आधार पर लक्षण बदल सकते हैं जैसे दौरे पड़ना, कमजोरी, रोशनी कमजोर होना, सुनने या बोलने में परेशानी, संतुलन में कमी आदि।