पुलिस और परिवहन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल २८ के करने थे लाइसेंस निरस्त, पर हुए सिर्फ आठ के
डूंगरपुर. यूं तो बगैर लाइसेंस के वाहन चलाना अपराध है। पकड़े गए तो सजा तक का प्रावधान है। पर, आप डूंगरपुर में वाहन चला रहे हो तो बेफ्रिक रहो। यहां सब उल्टा-पुलटा है। यहां आप नियमों की अवहेलना करके वाहन चला रहे हो और आपके पास लाइसेंस है तो आप फंसोंगे। आपका लाइसेंस निरस्त भी हो सकता है। पर, आपके पास लाइसेंस ही नहीं है तो निश्चित रहें। कोई आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता। हां जांच दर जांच की नौटंकी और कागज बनेंगे, पर होना कुछ नहीं है। यकीन नहीं हो रहा होगा। पर, यह सच है। जिले में ऐसा ही चल रहा है। इसकी बानगी पिछले दिनों यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के बीच हुई कार्रवाई में साफ दिख रही है।
करीब तीन माह पहले यातायात पुलिस ने शहर में कार्रवाई की। इस दौरान २८ वाहन चालक शराब के नशें में वाहन चलाते पाए गए। पुष्टि के बाद इनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए परिवहन विभाग को प्रकरण बनाकर मय सूची पत्र भेंजे। यातायात पुलिस ने यहीं तक की जिम्मेदारी को पूर्ण मानकर इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
परिवहन विभाग में २८ जनों की फाइल पहुंची तो इनके कागजात टटोले। यहां पता चला कि २८ में से सिर्फ आठ जनों के पास ही लाइसेंस है। विभाग ने इस आठ जनों के लाइसेंस एक-एक साल के लिए निलम्बित कर दिए। शेष २० वाहन चालकों के खिलाफ कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिवहन विभाग ने ना तो यातायात पुलिस को इस सन्दर्भ में अवगत कराया, ना ही इनके खिलाफ किसी तरह का कोई प्रकरण बनाया। ऐसे में शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालक अब भी नियमों को ताक में रखकर अपने वाहन सरपट सड़कों पर दौड़ा रहे है।
शराब पीकर वाहन चलाने या नियमों का उल्लघंन करने पर जुर्माना के साथ लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। लाइसेंस नहीं होने की स्थिति में प्रकरण बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। यहां सजा और जुर्माना दोनों के प्रावधान है। पहली बार गलती करने पर परिवहन विभाग अपने विवेक से तीन माह से लेकर दो साल तक के लिए लाइसेंस निलम्बित कर सकता है। दोबारा इसी तरह की गलती पर हमेशा के लिए लाइसेंस निरस्त करने का भी प्रावधान है।
करीब तीन माह पहले यातायात पुलिस ने शहर में कार्रवाई की। इस दौरान २८ वाहन चालक शराब के नशें में वाहन चलाते पाए गए। पुष्टि के बाद इनके लाइसेंस निरस्त करने के लिए परिवहन विभाग को प्रकरण बनाकर मय सूची पत्र भेंजे। यातायात पुलिस ने यहीं तक की जिम्मेदारी को पूर्ण मानकर इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
-देवेन्द्रसिंह राव, यातायात प्रभारी
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जिला परिवहन अधिकारी