
सागवाड़ा (डूंगरपुर). कहते हैं कि कोई कार्य छोटा नहीं होता है। इस बात को सच कर दिखाया है जिले के गलियाकोट पंचायत समिति अंतर्गत सिलोही ग्राम पंचायत की देवरानी-जेठानी शोभना एवं रेखा की जोड़ी ने। कोरोनाकाल के दौरान आसपास रहने वाली जरूरतमंद महिलाओं को पैरों पर खड़ा करने के ध्येय से शुरू किया पापड़ बनाने का कार्य आज क्षेत्र व जिले की अन्य महिलाओं के लिए अनूठी नजीर बन गया है। पांच किलो प्रतिदिन पापड़ बनाने से शुरू हुआ इनका कार्य आज प्रतिदिन 100 किलो से अधिक तक पहुंच गया है। नियमित सौ से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। इन पापड़ों का स्वाद उदयपुर, मुम्बई और खाड़ी देशों तक धाक जमाने लग गया है।
घर बैठे दिला रहीं रोजगार
जिले के सिलोही गांव की शोभना एवं रेखा ने महिलाओं को घर बैठे रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्ष 2020 में त्रिवेणी महिला गृह उद्योग की स्थापना कर पापड़ बनाने का कार्य शुरू किया। ग्रामीण क्षेत्र सिलोही सहित आसपास के गांवों की जरूरतमंद महिलाओं से संपर्क कर उन्हें पापड़ बनाने के कार्य से जोड़ा। आज पापड़ बनाने के कार्य से 100 से अधिक महिलाएं जुड़ गई हैं, जिसमें 45 आयु वर्ष से अधिक की हैं।
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500 महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य
शोभना एवं रेखा बताती है कि वह उड़द, चने तथा चावल के पापड़ बनाती हैं। महिलाएं घर के काम से फ्री होने के बाद पापड़ बनाने का काम करती हैं। कई महिलाएं एक दिन में 300-400 पापड़ बना रही हैं, जिससे हर माह करीब 7-8 हजार रुपए की आय होती है। इनका लक्ष्य इस साल 500 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
Published on:
12 Mar 2023 12:58 pm
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