7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

साहब कुछ करो, थाने में नहीं मिल रहा न्याय

साहब कुछ करो, थाने में नहीं मिल रहा न्याय

2 min read
Google source verification
photo

साहब कुछ करो, थाने में नहीं मिल रहा न्याय

साहब कुछ करो, थाने में नहीं मिल रहा न्याय
डेढ़ माह से मामी और इसकी नाबालिग बेटी को लेकर भानजा फरार

डूंगरपुर. रिश्तों और मर्यादा को ताक में रखकर करीब डेढ़ माह पूर्व एक भानजा अपनी सगी मामी और इसकी १६ साल की बेटी के साथ भगाकर ले गया। घटना के अगले ही दिन पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। पर, करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद पुलिस इस मामले में डेढ़ कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। ऐसे में इस परिवार के सदस्य पति की मौजूदगी में बुधवार को पुलिस अधीक्षक से मिले। यहां पति ने कहा कि इसकी पत्नी और बच्ची की जान खतरे में होने का अंदेशा है। वहीं, आरोपित भानजे और इसके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग की है। यहां इन लोगों ने चितरी थाने से कोई न्याय नहीं मिलने की बात कही और बताया कि थाने में जाने पर ठीक से जवाब तक नहीं दिया जा रहा है। यहीं नहीं आरोपित के परिजनों से भी कोई पड़ताल नहीं की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त करते कहा कि न्याय में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
यह है मामला
दीवड़ाबड़ा के दीपक पण्ड्या ने बताया कि १७ सितम्बर को एक रिश्तेदार की मौत होने से गांव से बाहर गया था। घर पर पत्नी यमुना, १६ साल की बेटी निधि और करीब एक साल का बच्चा जिज्ञान्स ही घर पर थे। दो बेटियां स्कूल गई थी। शाम चार बजे आया तो पता चला कि पत्नी और १६ साल की बेटी को इसका सगा भानजा हिमांशु जोशी निवासी बांसवाड़ा जेवरात व नगदी के साथ ले गया है। इस कार्य में दो जनों से सहयोग किया है। एक दिन इनकी पड़ताल की। कोई सुराग नहीं मिला तो चितरी थाने में आरोपितों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बावजूद पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। आरोपितों की गिरफ्तारी और इनके परिजनों से कोई पड़ताल नहीं की। इसके परिणाम स्वरूप डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी अब तक किसी का कोई सुराग नहीं लगा है।
हमसे मांग रहे हैं जानकारी
इन लोगों का कहना रहा कि थाने जाने पर कोई भी मदद नहीं कर रहा है। आरोपितों के बारे में पूछने पर हमसे ही सवाल दागे जा रहे हैं। हमे कहते हैं कि आपको जानकारी मिले तो बता देना। हम ले आएंगे। इन सब के पास मोबाइल है। इसके आधार पर तत्काल पता लगाया जा सकता था। पर, जांच में देरी से अब अनिष्ट का अंदेशा नजर आ रहा है।