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झोंथरी प्रधान रोत ने अविश्वास प्रस्ताव को षडयंत्र करार देते हुए चीखली प्रधान महेंद्र बरजोड़ पर खुले आरोप लगाए थे। शुक्रवार को बरजोड़ ने पलट वार किया। शुक्रवार को यहां पत्रकार वार्ता में बरजोड़ ने मंजूलादेवी पर खुद के ही खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया। बरजोड़ ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में वह पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी थे तथा इस बार में भी उन्होंने प्रबल दावेदार प्रस्तुत की है। झोंथरी प्रधान ने उनकी छवि बिगाडऩे के लिए पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर यह षडयंत्र रचा। बरजोड़ का कहना है कि प्रस्ताव पेश होने के दूसरे ही दिन प्रधान अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले छह सदस्यों के साथ कलक्ट्रेट पहुंची थी और पूर्व नियोजित षडयंत्र से सारा ठिकरा मेरे सिर पर फोड़ दिया। इससे साफ है कि उन्होंने खुद सहानुभूति पाने के लिए यह खेल खेला, क्योंकि यदि षडयंत्र मैंने रचा होता तो वह सभी सदस्य भूमिगत होते, न कि प्रधान के साथ। बरजोड़ ने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस से एक कमेटी भेजकर जांच कराने का आग्रह किया है। इस दौरान चीखली ब्लॉक अध्यक्ष मनोहरसिंह नोलियावाड़ा तथा उपाध्यक्ष सेवाराम बागडिय़ा भी मौजूद रहे।
झोंथरी प्रधान मंजूलादेवी का कहना है कि मैं कांग्रेस की सच्ची सिपाही हूं। जनता मुझे पसंद करती है, इसीलिए तीन बार से प्रधान हूं। कोई खुद के खिलाफ अविश्वास क्यों लाएगा? यह राजनीतिक षडयंत्र है। चीखली प्रधान की यदि कोई भूमिका नहीं है तो उन्हें सफाई देने की क्या जरूरत है। मुझसे बात तो करते। जिलाध्यक्ष तक ने मुझसे अब तक बात नहीं की है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोड़निया का कहना है कि दोनों प्रधानों का सार्वजनिक रूप से पार्टी के ही लोगों के खिलाफ बयानबाजी करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। कोई गलतफहमी या मतभेद हैं भी तो उसे पार्टी जाजम पर निपटाया जा सकता है। प्रदेशाध्यक्ष को इस संबंध में संपूर्ण रिपोर्ट भेजी जा रही है। इस तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
Published on:
27 Jul 2018 06:03 pm
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