
‘शिक्षकों के सहयोग से होगा सर्वांगीण विकास’
मुख्य अतिथि पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा थे। अध्यक्षता कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोड़निया ने की। विशिष्ठ अतिथि पूर्व जिला प्रमुख भगवतीलाल रोत, पूर्व विधायक लालशंकर घाटिया, देवीलाल फलोत, सुरेश पाटीदार, वल्लभराम पाटीदार, गौतमलाल पाटीदार, कपिल भट्ट, नरेन्द्र खोड़निया, हितेष पाटीदार, थे। स्वागत वाक्पीठ अध्यक्ष गणपतलाल रोत ने किया। मेजबान प्रधानाचार्य डायालाल पाटीदार ने विद्यालयों का समय सुबह आठ से एक तथा सुबह दस से शाम चार बजे तक करने का आग्रह किया।
अतिथियों ने कहा कि शिक्षकों की मेहनत के दम पर ही व्यक्ति एवं समाज का सर्वांगीण विकास संभव है। बालक को नैतिक शिक्षा देकर सर्व समाज का विकास किया जा सकता है। इस दौरान भामाशाह नरेन्द्र खोड़निया, आदिश खोड़निया एवं हिरेन खोड़निया ने सेवानिवृत्त हो रहे प्रधानाचार्यों का अभिनन्दन किया। संचालन सुरेश मेहता ने किया। आभार प्रकाश उपाध्याय एवं शिवराम पाटीदार ने व्यक्त किया।
शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रभारी गटूलाल अहारी, प्रधानाचार्य गजेश जोशी, विद्युतसिंह चौहान, दीपिका द्विवेदी, यशवन्त लोहार, सुरेश गामोट, संतोष शर्मा, लालशंकर पाटीदार, महेन्द्र लोहार विचार व्यक्त किए। वाक्पीठ के दौरान वाक्पीठ की नवीन कार्यकारिणी गठित की। इसमें अध्यक्ष सुरेश मेहता, उपाध्यक्ष खेमराज कलासुआ व अजीतसिंह चौहान, सचिव राकेश जोशी, सहसचिव रविशंकर पाटीदार, कोषाध्यक्ष हर्षित चौबीसा एवं माया भगोरा को महिला मंत्री बनाया।
जिला स्तरीय संत्रात वाक्पीठ संगोष्ठी में वार्ता व प्रतिवेदन के माध्यम से विदृयालय विकास के बारे में बताया गया। वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में शैक्षिक नवाचारों का होना बहुत जरूरी बताया है। तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में शिक्षण व्यवस्था में बदलाव होना जरूरी है। इसके लिए प्रधानाचार्य की भूमिका अहम हो सकती है। प्रधानाचार्य विदृयालय का नेतृत्व करता है। इनकी मौजुदगी में बदलाव संभव हो सकते हैं।
Published on:
26 Jul 2018 06:38 pm
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