7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुख्यमंत्री को खरी-खरी सुनाने का मामला

मुख्यमंत्री को खरी-खरी सुनाने का मामला‘ब्याज पर पैसा लाकर बनाया था शौचालय, आज तक नहीं मिली राशि’

2 min read
Google source verification
rajsathankaran

मुख्यमंत्री को खरी-खरी सुनाने का मामला

मुख्यमंत्री को खरी-खरी सुनाने का मामला
‘ब्याज पर पैसा लाकर बनाया था शौचालय, आज तक नहीं मिली राशि’

डूंगरपुर. ‘गरीब आदमी हूं। तीन साल पहले ब्याज पर पैसे लाकर शौचालय बनवाया था। १५ बार सचिव को फोटो दे दिए, फिर भी आज तक शौचालय की एवज में १२ हजार रुपए का भुगतान नहीं हुआ। मेरे जैसे कई लोग और भी हैं।’
यह कहना है कि २३ नवम्बर को गरीयता में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को खरी-खरी सुनाने वाले भगवती सेवक का। सेवक गरीयता बस स्टैंड पर चाय की थड़ी लगाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। २३ नवम्बर को चीखली से सागवाड़ा जाते समय मुख्यमंत्री अचानक वहां चाय पीने रूकी थी। उनके साथ राज्यमंत्री सुशील कटारा भी मौजूद थे। सेवक ने भुगतान नहीं मिलने को लेकर मुख्यमंत्री को जमकर खरी-खरी सुनाई थी।
मैं न कांग्रेसी और न भाजपाई
राज्यमंत्री सुशील कटारा की ओर से सेवक को कांग्रेस का व्यक्ति बताए जाने पर भगवती ने कहा कि मैं न तो भाजपा का हूं और न ही कांग्रेस का। मैं तो साधारण व्यक्ति हूं, दिनभर मेहनत करके अपना घर चलाता हूं। मैंने तो सिर्फ अपनी पीड़ा बताई।
बालिका स्कूल बंद करने पर भी उलाहना
गरीयता गांव में २३ नवम्बर को मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर लोगों ने खुल कर समस्याएं रखी थी। गांव के गणपत झाण्डा सहित अन्य ने ८ नवम्बर २०१७ से बंद पड़े बालिका विद्यालय को लेकर भी रोष जताया था। लोगों ने बताया कि अगस्त २०१७ में स्कूल मर्ज करने के आदेश जारी हुए थे तथा नवम्बर में ही स्कूल बंद हो गई थी। इसके बाद एक अप्रेल २०१८ को विधायक अनीता कटारा ने बालिका विद्यालय के नाम से नए भवन का शिलान्यास किया, जब स्कूल ही मर्ज हो गई तो नए भवन का शिलान्यास कैसे हो गया? ग्रामीणों ने बालिका शिक्षा का हवाला देते हुए स्कूल दोबारा शुरू कराने की पूरजोर मांग रखी। सीएम ने समस्या नोट डाउन जरूर कराई, लेकिन किसी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं दिया।
मेरी जानकारी में नहीं है
&मेरी जानकारी में ऐसा कोई प्रकरण नहीं है। संबंधित विकास अधिकारी से जानकारी ली जाएगी। भुगतान बकाया होने के कारण पता लगवाए जाएंगे।
नम्रता वृष्णि, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, डूंगरपुर