
‘जनता की उम्मीदों पर खरी उतरे वही सरकार सच्ची’
‘जनता की उम्मीदों पर खरी उतरे वही सरकार सच्ची’
डूंगरपुर ञ्च पत्रिका. विधानसभा चुनाव को लेकर अलग-अलग विधानसभाओं में राजस्थान पत्रिका की ओर से हो रही जन एजेण्डा बैठकों की श्रृंखला में शनिवार को जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एमबी कॉलेज में जन एजेण्डा बैठक हुई। इसमें छात्राध्यापिकाओं के साथ ही चेंजमेकर्स एवं कॉलेज के प्राध्यापकों ने जन एजेण्डे पर मंथन किया तथा क्षेत्र के विकास के लिए विजन बताया। महाविद्यालय के निदेशक आशीष आनंद के निर्देशन तथा प्रशासक कामेश राव की अध्यक्षता में छात्राध्यापिकाओं ने जिले, प्रदेश एवं देश के विकास के साथ ही सरकार से जुड़ी उनकी उम्मीदें मुखर होकर बताई। साथ ही अनिवार्य रूप से मतदान करने का संकल्प लिया। इससे पूर्व महाविद्यालय में फेक न्यूज की रोकथाम को लेकर पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत गहन चर्चा हुई। इसमें युवाओं ने फेक पोस्ट वायरल नहीं कर डिलीट करने की बात कही।
यह बताया विजन
महेश जैन, प्राध्यापक : निजी क्षेत्र में भी न्यूनतम वेतन-मानदेय के प्रावधान लागू होने चाहिए। खासकर निजी क्षेत्र में योग्यता के अनुसार वेतन जरूर मिलना चाहिए। फिलहाल स्थिति यह है कि वह अपना घर-गुजारा तक नहीं कर
पाता है।
उपासना जोधा : रोजगार एवं शिक्षा के लिए पलायन हो रहा है। सरकार को चाहिए कि वह यहीं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। ताकि, युवाओं को घर से दूर नहीं जाना पड़े।
हिरल : चुनाव प्रचार-प्रसार में नेता काफी खर्च कर रहे हैं। यह बहुत सादगी भरा होना चाहिए। यदि उन्हें यह राशि खर्च करनी भी है, तो जीतने के बाद क्षेत्र के विकास में खर्च करनी चाहिए।
अनुश्री देवड़ा : प्राय: सडक़ें हर जगह टूटी ही नजर आती हैं। प्लास्टिक रिसाइकिलिंग को अपना कर सडक़ों का निर्माण करना होगा। ताकि, यह लम्बे समय तक चले और वेस्ट प्लास्टिक का भी उपयोग हो सके।
दीप्ति मेहता : नेता जीतने के बाद क्षेत्र की समस्याओं एवं मुद्दों को लेकर इतने अधिक सजग नहीं दिखते हैं। हमारे नेताओं को चाहिए कि वे क्षेत्र के मुद्दों या समस्याओं को समक्ष स्तर तक पहुंचाएं। साथ ही अधिक से अधिक रोजगार सृजन की जरूरत है।
वीणा नायक : शहरी क्षेत्र में तो हर सुविधा सहज उपलब्ध हो जाती है। लेकिन, जैसे ही हम गांवों की ओर रुख करते हैं सुविधाएं कम हो जाती है। बिछीवाड़ा ब्लॉक में सरकारी महाविद्यालय नाममात्र का है। वहां से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को पलायन करना पड़ रहा है।
जया जैन : सरकार वादे तो कर देती है लेकिन, उन्हें जब पूर्ण करने का समय आता है, तो भूल जाती है। वोट बैंक के चक्कर में चुनाव के अंतिम वर्ष में कई योजनाएं और भर्तियां एक साथ शुरू करने का प्रयास किया जाता है। इससे कई बार यह अधरझूल में लटक जाती है।
प्रियांशी पण्ड्या : आरक्षण का लाभ वास्तविक पात्र को मिलना चाहिए। आर्थिक आधार पर हर जरूरतमंद को इसका लाभ
मिलना चाहिए।
Published on:
25 Nov 2018 12:00 pm
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