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#अभिषेक मिश्रा हत्याकांड:हत्या का एक कारण पैसा भी?

मेरे सामने ही मजदूरों ने शव गड्ढे से बाहर निकला। हत्या क्यों की गई नहीं मालूम, लेकिन अभिषेक संपन्न परिवार से था रुपए का लेनदेन भी हो सकता है।

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Satya Narayan Shukla

Jul 21, 2016

Abhishek Mishra murder: money can also be a cause

Abhishek Mishra murder: money can also be a cause of death?

दुर्ग.
अभिषेक मिश्रा जब नौ नवंबर की शाम गायब हुआ था। घर नहीं लौटने की सूचना मुझें उस समय मिली जब 10 नवंबर को नागपुर जा रहा था। इसके बाद 23 दिसंबर को हत्या कर शव दफनाने की सूचना मिली। मेरे सामने ही पांच मजदूरों ने खुदाई कर शव गड्ढे से बाहर निकला। हत्या क्यों की गई नहीं मालूम, लेकिन अभिषेक संपन्न परिवार से था रुपए का लेनदेन भी एक कारण हो सकता है।


बयान दोपहर 12.45 बजे शुरु हुआ

विटनेस बाक्स में जैसे ही दीपक शर्मा पहुंचा जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला के न्यायालय में भीड़ जमा हो गई। सुनवाई शुरु होने का इंतजार करते लोग न्यायालय परिसर में खड़े थे। दीपक शर्मा का बयान दोपहर 12.45 बजे शुरु हुआ। उसने अदालत को बताया कि वह पुलिस के कहने पर 23 दिसंबर की सुबह साढ़े सात बजे स्मृति नगर पहुंचा था।


पांच श्रमिकों ने खुदाई शुरु की

थोड़ी देर बाद वहां मजिस्ट्रेट मैडम पहुंची जिनका नाम मैं नहीं जानता। परिसर में कुछ पुलिस अधिकारी थे। इसके बाद वहां पर दो लोगों को लाया जिन्होंने बताया कि अभिषेक को इसी स्थान पर गड़ाया गया है। पांच श्रमिकों ने खुदाई शुरु की। खुदाई के दौरान जैसे ही जुट का बोरा निकला आसपास दुर्गन्ध फैल गई थी।


गले में रुद्राक्ष की माला थी

अभिषेक का चेहर बांधा गया था। चेहरे को जैसे ही खोला गया मैने चेहरा देखा और पहचाना कि शव अभिषेक का है। उसके गले में रुद्राक्ष की माला थी। न्यायालय ने जैसे ही रुद्राक्ष की माला को दिखाया दीपक ने कहा कि हां यह वहीं माला है जो उसके के गले में था।


जाने दीपक शर्मा की गवाही क्यों हुई

दीपक शर्मा अभिषेक मिश्रा का बहनोई है। अभिषेक की बड़ी बहन का विवाह दीपक के साथ हुआ है। दीपक भी नेहरु नगर में अपने परिजनों के साथ रहता है। अभिषेक मिश्रा हत्याकांड का खुलासा होने के बाद पुलिस ने पांच गवाहों की उपस्थिति में शव निकालने की प्रक्रिया शुरु की। पांच गवाहों में दीपक शर्मा एक है। पुलिस ने दीपक शर्मा को शव उत्खन्न का साक्षी बनाया है।

न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं को दी चेतावनी

सुनवाई के दौरान शासकीय अभियोजक व बचाव पक्ष के अधिवक्ता के बीच गवाह से पूछे गए प्रश्न को लेकर तर्क करने लगे थे। जिस पर न्यायाधीश ने सख्त लहजे में कहा कि समय का ध्यान रखे। समय किसी के लिए नहीं ठहरता। क्रास के समय किसी तरह का हस्ताक्षेप न किया जाए। आपत्ति हो तभी हस्तक्षेप करे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ऐसे प्रश्न को न पूछे जो पहले पूछा जा चुका हो। न्यायालय में व्यर्थ की चर्चा न करे। प्रकरण से संबंधित ही सवाल पूछे जाए।


कार्रवाई में पुलगांव टीआई भी रहे उपस्थित

पुलगांव पुलिस ने प्रकरण से संबंधित जब्त सामानों को एक लोहे के बक्से में बंद कर न्यायालय में जमा किया है। कार्रवाई के दौरान पेटी को खोल जब्त सामानों को निकालने में समय लग रहा था। इसे देखते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सामानों को पुलगांव पुलिस के अधिकारियों ने व्यवस्थित कर रखा है। अगर वे सामने रहेंगे तो पेटी से सामान निकालने में सुविधा होगी। न्यायालय के निर्देश पर आज पुलगांव टीआई नरेश पटेल भी उपस्थित थे।


शुक्रवार को अरुण मिश्रा की गवाही

बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड ट्रायल का गुरुवार को चौथा दिन था। इस मामले की सुनवाई लगातार 29 जुलाई तक चलेगा। पांचवें दिन शव उत्खनन के दौरान पुलिस द्वारा बनाए गए साक्षी का बयान दर्ज किया जाएगा। शुक्रवार को अरुण मिश्रा की गवाही होगी।

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