
दुर्ग पुराना बस स्टैंड स्थित बाबा काबुली शाह की दरगाह के परिसर में खाना बनाकर आसपास के गरीब बस्तियों में पहुंचाया।
दुर्ग शहर में चंद युवाओं ने भूख के खिलाफ जंग छेड़ दी है। जी हां हम बात कर रहे हैं शहर के एक दोस्तों के गु्रप की जो अक्सर दुर्ग के पुराना बस स्टैंड की चाय की टपरी में दिनभर के कामों से फुरसत पाते ही शाम को जमा होकर हंसी ठिठोली कर थकान दूर करते थे, लेकिन अचानक एक दिन इनकी पूरी दिनचर्या बदल गई वह दिन था 24मार्च का। जब कोरोनावायरस ने अपनी दस्तक दी और शहर में लॉक डाउन की घोषणा हुई। इन दोस्तों के गु्रप ने आनन-फानन में एक वाट्सअप गु्रप बनाया। जिसका नाम दिया "रक्षक"और इन्होंने सबसे पहले लॉक डाउन में फंसे गरीब बेसहारा लोगों की भूख मिटाने की जिम्मेदारी ली।
शुरुआत में आपसी सहयोग से दुर्ग पुराना बस स्टैंड स्थित बाबा काबुली शाह की दरगाह के परिसर में खाना बनाकर आसपास के गरीब बस्तियों में पहुंचाना शुरू किया। इसके बाद लगातार खाना बांटने का सिलसिला शुरू हो गया।
धीरे-धीरे इनके पास वाट्सअप के माध्यम से सूचना आने लगी कि यहां इतने लोगों के लिए खाने की आवश्यकता है। जैसे-जैसे समय बीतता गया खाने वालों की तादाद बढ़ती गई अब यहां से रोज 600 पैकेट भोजन के तैयार किए जाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्वच्छता का खास ध्यान रखते हुए बेसहारों तक पहुंचाया जाता है।
आइए अब हम आपको इन दोस्तों के गु्रप से रुबरु करवाते हैं जो पिछले महीने भर से भूख के खिलाफ जंग लड़ रहे है। "रक्षक"गु्रप एडमिन अजहर जमील जिनके साथ हैं फज़़ल फ़ारूक़ी , राजेश सराफ, अजय गुप्ता ,खादिम अनवर शाह अशरफी, रमेश पटेल, डॉ संतोष रॉय, ज्ञानेश्वर ताम्रकार,आनंद बोथरा, अंसार ,अफज़़ल भाई, गोलू चौहान, सुनील भाई, राधे जी, सूरज आसवानी, असलम कुरेशी, रिजवान खान , राजू खान ,आबिद हुसैन, शादाब ग्रुप, राजकुमार पाली, सुशील भारद्वाज, कुलेश्वर साहू, आदि की सक्रिय भागीदारी है। इस ग्रूप में भोजन पैकेट वितरण करने के दौरान फोटोग्राफी की मनाही है।
Published on:
03 May 2020 03:52 pm
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