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बागवानी के शौक से महिला बन गई सफल उद्यमी, फूलों की खेती से कर रही लाखों की कमाई

locationदुर्गPublished: Nov 12, 2021 11:37:46 am

Submitted by:

Ashish Gupta

बागवानी के शौक ने उमरपोटी की चित्रा को सफल उद्यमी बना दिया है। चित्रा अपने 1.80 एकड़ खेत में आधुनिक पद्यति से गुलाब की खेती कर रही है। पहले साल में ही उन्होंने 8 लाख रुपए लाभ अर्जित किया है।

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बागवानी के शौक से महिला बन गई सफल उद्यमी, फूलों की खेती से कर रही लाखों की कमाई

दुर्ग. बचपन से बागवानी के शौक ने उमरपोटी की चित्रा को सफल उद्यमी बना दिया है। चित्रा अपने 1.80 एकड़ खेत में आधुनिक पद्यति से गुलाब की खेती कर रही है। पहले साल में ही उन्होंने 8 लाख रुपए लाभ अर्जित किया है। चित्रा फूलों की खेती के इस व्यवसाय से 12 लोगों को रोजगार भी दे रही हैं, जिसमें 10 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। उनका कहना है कि अपने स्व-रोजगार के साथ उन्होंने दूसरों को जो रोजगार दिया है, वह उनके जीवन को बहुत ही संतुष्टि देता है। उनके साथ काम करने वाली 10 महिलाएं गृहणी हैं, जो घर की पालनहार भी हैं।
चित्रा ने बताया कि शादी के बाद हाउस वाइफ के रूप में घर संभाल रहीं थी। एकदिन उनके मन में घर के कार्य के साथ-साथ प्रकृति के साथ जुड़कर कुछ कार्य करने का विचार आया। बचपन से ही उन्हें बागवानी का शौक था, जिसे ध्यान में रखकर उन्होनें उमरपोटी में उनकी खाली पड़ी जमीन पर खेती का विचार किया।
इसके लिए उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया जहां विभाग के द्वारा उन्हें पॉली हाउस में गुलाब की खेती करने की सलाह दी गई। शुरुआती 3 महीने में ही गुलाब का उत्पादन शुरू हो गया। शुरुआत में उनकी मंशा खाद्यान्न के खेती की थी परंतु उनके मन में अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और बेटी के पढ़ाई में सहयोग करना, दोनों विचार थे, जिसके लिए उन्होंने जोखिम लेते हुए समय की मांग के अनुरूप खेती करने का निर्णय लिया।

कमाए 3 लाख रुपए शुद्ध लाभ
चित्रा अपने पॉली हाऊस से 3 लाख 37 हजार कट फ्लावर मार्केट में उपलब्ध करा रही है। उत्पादन में उनके द्वारा लगभग 2 लाख रूपए की राशि खर्च की जा रही है। वहीं उन्हें 8 लाख रुपए का शुद्ध लाभ भी हो रहा है। उनसे प्रोत्साहित होकर खोपली में कुछ किसानों ने भी गुलाब की खेती की शुरुआत की है।

वेडिंग प्लानर को भी दे रही गुलाब
चित्रा ने बताया कि उनके द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले खिले हुए गुलाबों का उत्पादन किया जाता है, जो कि डेकोरेशन में सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाते हैं। उनके गुलाब के क्वालिटी से प्रभावित होकर कई वेडिंग प्लानरों ने उनसे डेकोरेशन के लिए गुलाब लिया है। वे भिलाई के सेक्टर-6, दुर्ग और राजनांदगांव में भी फूलों की सप्लाई करती हैं।

डॉक्टर बेटी के सफर में योगदान
चित्रा हमेशा चाहती थी कि वो अपनी बेटी के भविष्य निर्माण में अपना योगदान दें। फूलों के इस व्यवसाय से आज उनका यह सपना भी पूरा हो गया। उन्होंने जैसे ही गुलाब की खेती शुरू की ठीक उसके बाद उनकी बेटी का सिलेक्शन एमबीबीएस के लिए हो गया।

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