
अटल का वो फैसाल जिस पर 'अटल' रहकर वाजपेयी ने भारत को शिखर पर पहुंचाया
नई दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी ना सिर्फ देश के सबसे सफल नेताओं में से एक थे।बल्कि अपने फैसलों पर अटल रहने वाले प्रधानमंत्रीयों में से एक की थी। वाजपेयी जी एक ऐसे नेता थे जो देश को ऊचांईयों तक पहुंचाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते थे। ऐसा ही एक फैसला वाजपेयी ने 1998 में न्यूक्लियर पावर घोषित करते हुए पोखरण में 5 न्यूक्लियर टेस्ट को हरी झंडी दिखा कर लिया था। अटल जी के इस फैसल् से अमेरिका और चीन जैसे बड़े-बड़े देशों भारत के खिलाख आ खड़े हुए थे। अमेरिका, चीन और पाकिस्तान ने जमकर अटल जी के फैसले का विरोध किया। लेकिन अटल जी किसी भी बात से नहीं डरे और अपने फैसले पर अटल रहे।
अटल अपने फैसले से नहीं हिले
भले ही उस वक्त अटल जी के इस फैसले से चीन और पाकिस्तान से भारत के रिश्ते बिगड़ गए हो। लेकिन अटल जी का ये फैसला एक दम सहीं साबित हुआ। अटल जी के इस फैसले से भारत को बुलंदियों तक पहुंता दिया। अटल जी के इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था एक नये मुकाम पर पहुंच गई। चुनौतियां सामने थीं और अटल पीछे हटने को तैयार नहीं थे। कई चुनौतियां आई लेकिन वाजपेयी अपने फैसले पर अटल रहे।
गिर गई भारत की GDP
उस वक्त भारत के हालात ठीक नहीं चल रहे थे। भारत में जो माहौल था उसका अंदाजा 1988-99 के आर्थिक सर्वेक्षण से लगाया जा सकता है।आर्थिक सर्वेक्षण में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल पर विस्तार से बात की गई थी। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था की ईस्ट एशिया के देशों की GDP में तेज गिरावट दर्ज हुई है। इंडोनेशिया की GDP 15 फीसदी गिर चुकी थी।दक्षिण कोरिया और थाइलैंड की GDP में 5-7 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी।दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल जापान में मंदी आ चुकी थी। 1991 में USSR के टूटने से रूस की आर्थिक स्थित कमजोर हो चुकी थी। हाल यह था कि वैश्विक स्तर पर GDP में 2 फीसदी की गिरावट आई थी।
भारत पर लगे प्रतिबंध
भारत की अर्थव्यवस्था की हालत हर दिन बुरी होती चली जा रही थी। उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के फैसले को गलत ठहराया और भारत से सभी आर्थिक संबंधों को खत्म कर प्रतिबंध लगा दिया। रक्षा क्षेत्र में किए गए समझौतों को निरस्त कर दिया गया।अमेरिका समेत दुनिया के कई ताकतवर देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया था। भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात और बिगड़ गए। ऐसी हालत में न्यूक्लियर टेस्ट करना भारत पर भारी पड़ता नजर आ रहा था। लेकिन वाजपेयी अपने फैसले से पीछे हटाने को तैयार नहीं थे।
Updated on:
17 Aug 2018 01:12 pm
Published on:
17 Aug 2018 11:49 am
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