
Beware of GST evaders, action on 7000 traders, 187 in Jail
नई दिल्ली। जीएसटी चोरी करने वाले लोगों को अब सावधान रहने की जरुरत है। केंद्र सरकार इस मामले में सख्ती से कार्रवाई कर रही है। हजारों कारोबारियों पर नकेल कसी जा चुकी है। दर्जनों कारोबारियों, कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और चार्टेड अकाउंटेंट को सलाखों के पीछे डाला जा चुका है। सरकार का दावा है कि दिसंबर में रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमी के सुधार के साथ-साथ जीएसटी चोरी पर सख्त कार्रवाई का भी हाथ है। आइए आपको भी बताते हैं कि वित्त सचिव अजय भूषण पांडे की ओर से किस तरह की जानकारी दी गई है।
जीएसटी चोरी को लेकर सरकार का अभियान
सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर सख्त अभियान चलाया हुआ है। जिसकी वजह से सरकार की ओर से 7,000 उद्यमियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। खास बात तो ये है कि 187 लोगों को गिरफ्तार का सलाखों के पीछे डाल दिया है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इसी अभियान के कारण सरकार के टैक्स रेवेन्यू में सुधार देखने को मिला है। सरकार को दिसंबर में 1,15 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन मिला था। जो इकोनॉमी में सुधार का संकेत तो है ही साथ ही टैक्स चोरी रोकने के अभियान का भी बड़ा हाथ है।
गिरफ्तार होने वालों में सीए और एमडी तक शामिल
मीडिया रिपोर्ट में वित्त सचिव की ओर से बताया कि बीते डेढ़ महीने में जीएसटी के फेक बिल्स के खिलाफ कार्रवाई के तहत पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक कंपनी सचिव सहित कुल 187 लोगों को गिरफ्तार जेल में डाल दिया गया है। उनमें कुछ तो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर तक शामिल हैं, जो बीते डेढ़ महीने से सलाखों के पीछे हैं। कुछ बड़ी कंपनियां शामिल हैं, जोकि फर्जी बिलों के खेल में लिप्त मिली हैं।
अप्रैल से होगा इस नियम में बदलाव
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि एक अप्रैल से पांच करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले सभी बी2बी ट्रांजेक्शंस पर ई- चालान को कंपलसरी किया जाएगा। इस प्रावधान के जरिए शेल कंपनियों को टारगेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी कई शेल कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है जो करोड़ों रुपए के फर्जी बिल जारी कर इनकम टैक्स नहीं देती हैं। पूरी देनदारी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये चुका रही हैं। इस नियम से मिलाकार 1.2 करोड़ करदाता आधार में से 45,000 से भी कम यूनिट्स पर पर इसका असर होगा।
Published on:
04 Jan 2021 08:26 am
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