
nirmala sitharaman briefcase for red bag
नई दिल्ली। आज 1 फरवरी को बजट पेश किया जारहा है देश के हर व्यक्ती की नजर मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पोटली पर लटकी हुई है। भारत में बजट (Union Budget) की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के समय से हुई थी जिनमें पहला बजट जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पेश किया था। और जब देश अजाद हुआ तब पहले वित्त मंत्री आर.सी.के.एस. चेट्टी ने 1947 में पहला बजट पेश किया था, तब बजट दस्तावेज चमड़े के एक ब्रीफकेस में लेकर पहुंचे थे। और यह परंपरा देश के हर वित्त मंत्री ने काफी लंबे समय तक निभाई। लेकिन जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं तो उन्होंने इस परंपरा को तोड़ दिया। और 5 जुलाई 2019 को चमड़े के बैग की जगह लाल कपड़े में लिपटा बजट दस्तावेज संसद भवन में पेश किया। जो असल में भारतीय बही खातों का ही स्वरूप है। इसके बदलने का मकसद भी यही था कि देश का बजट-देश का बही खाता होता है।
इसके पहले एक और बदलाव यह देखने को मिला कि भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में एक रेल मंत्रालय का बजट पहले और अलग से पेश किया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने वर्ष 2016 में इस परंपरा को भी तोड़ कर रख दिया। तब के वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ मिलाकर ही पेश किया।
इसके बाद से देश के रेल बजट को आम बजट के साथ नहीं मिलाया गया। ये सभी परंपराए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक और पुरानी परंपरा जुड़ी हुई थी कि जो भी बजट पेश किये जाते थे वो फरवरी के आखिरी दिन पेश होते थे मोदी सरकार ने आम बजट को फरवरी के पहले दिन पेश करना शुरू कर दिया। इसकी वजह बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को एक अप्रैल पर नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरा करना है। ताकि सरकार एक अप्रैल से ही नए वित्त वर्ष के हिसाब से काम करना शुरू कर दे और बजट को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। नहीं तो इस प्रक्रिया को पूरा होने में मई-जून तक का वक्त लगता था।
Updated on:
01 Feb 2021 11:19 am
Published on:
01 Feb 2021 11:14 am
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