
नई दिल्ली,ट्रेड वॉर से कुछ भी हासिल नहीं होगा सिवाय यह विश्व आर्थिक व्यवस्था के लिए तबाही लेकर आएगी। चीन के वाणिज्य मंत्री जोंग शान ने रविवार को कहा कि अमरिका ने ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है जो विश्व आर्थिक वयवस्था के लिए एक तबाही लाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों अमरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी कि अमरिका ने स्टील आयात पर 25 फीसदी कर और एल्यूमिनियम आयात पर 10 फीसदी कर लगाने वाले कानून को पास कर दिया है। इस ट्वीट को ग्लोबल ट्रेड वॉर की औपचारिक घोषणा के तौर पर देखा जा रहा है।
आइए जानते हैं आखिर क्या है ट्रेड वॉर
ट्रेड वार को समझने के लिए पहले संरक्षणवाद को समझना होगा. संरक्षणवाद एक प्रकार की आर्थिक नीति है जिसमें देशों के बीच अलग -अलग कर के जरिए व्यापार निरोधक लगाया जाता है. व्यापार विरोधक का मतलब है। आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाना इसके अलावे प्रतिबंधक आरक्षण,और अन्य बहुत से सरकारी प्रतिबंधक नियम होते हैं जिनका उदेश्य आयात को हतोत्साहित करना है, और विदेशी कंपनियों से घरेलू बाजारों पर पड़ने वाले दबाव या प्रभाव को रोकना है। इस नीति को अवैश्विकरण कहा जाता है कारण इसके तहत वैश्विक व्यापार को प्रतिबंधित या करों के जरिए हतोत्साहित कर घरेलू व्यापार को संरक्षण दिया जाता है।
भारत पर असर
ट्रेड वार वैश्विक व्यापार के लिए कतई सही नहीं ठहराया जाएगा। अमेरिका के इस कदम का जवाब सभी देश इसी तरह देने लगें तो विश्व में तीसरा महायुद्ध का कारण व्यापार युद्ध होगा। जहां तक भारत का संबंध है तो अमेरिका के इस कदम से भारत पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा कारण भारत के निर्यात में अमेरीका की हिस्सेदारी लगभग 2 फीसदी ही है। लेकिन जो स्टील पहले अमेरिका जा रहा था वो अब भारत के बाजार में आ सकता है जो भारत के लिए डंपिंग होगी।
Updated on:
11 Mar 2018 12:33 pm
Published on:
11 Mar 2018 11:57 am
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
