
CMIE Report: Unemployment rise in villages, slight dip in urban areas
नई दिल्ली। बीते सप्ताह की रिपोर्ट में जहां इस बात की चर्चा थी कि गांवों की वजह से देश की इकोनॉमी ( Indian Economy ) में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। लगातार बेरोजगारी कम होने से स्थितियां ठीक होने के संकेत मिल रहे हैं। वहीं 19 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह के बाद आंकड़ों ने पूरी तस्वीर को ही बदलकर रख दिया हैै। बीते सप्ताह में गांवों की बेरोजगारी ( Rural Unemployment ) में करीब एक फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर शहरी बेरोजगारी ( Urban Unemployment ) में मामूली सुधार आया है। जानकारों की मानें तो फसलों का मौसम खत्म होने के कारण गांवों की बेरोजगारी में इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी ( Center for Monitoring Indian Economy ) की ओर से किस तरह के आंकड़े पेश किए गए हैं।
शहर में मामूली सुधार, गांवों की स्थिति खराब
- 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में आंकड़ा 9.78 फीसदी हो गया है।
- जबकि उससे पहले शहरी बेरोजगारी 9.92 फीसदी के स्तर पर थी।
- भारत में ग्रामीण बेरोजगारी की दर बढऩा शुरू हो गई है।
- 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बढ़कर 7.1 फीसदी हो गई है।
- बीते सप्ताह ग्रामीण बेरोजगारी दर 6.34 फीसदी थी।
- पूरे देश में बेरोजगारी की करें तो उसमें भी बढ़ोत्तरी हुई है।
- पिछले हफ्ते देश की बेरोजगारी दर 7.44 फीसदी थी।
- 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में बढ़कर 7.94 फीसदी पर पहुंची देश की बेरोजगारी।
क्या कहते हैं जानकार?
जानकारों की मानें तो लेबर मार्केट को आने वाले कुछ महीनों में ग्रामीण इलाकों और शहरी दोनों ही में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। गांवों में बुआई का सीजन खत्म होने को है। मानसून के कारण आने वाले दिनों में आपदाएं आने की भी संभावनाएं हैं। जिसकी वजह से एग्रिकल्चर सेक्टर में बेरोजगारी में इजाफा देखने को मिलेगा। वहीं दूसरी ओर शहरी इलाकों में लॉकडाउन की वजह से काफी नुकसान देखने को मिला है। धीरे-धीरे बाजारों के खुलने के बाद भी वैसी रिकवरी देखने को नहीं मिली है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी।
Updated on:
21 Jul 2020 10:07 am
Published on:
21 Jul 2020 10:05 am
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