
migrant labours
नई दिल्ली : वक्त एक सा नहीं रहता है ये बदलता जरूर है और ये बात प्रवासी मजदूरों के संबंध में भी बिल्कुल ठीक बैठती है। कोरोना महामारी ( corona pandemic ) की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा असर मजदूरों पर पड़ा । कामकाज न होने पर रोटी को तरसने को मजबूर इन मजदूरों ( corona impact on migrant labour ) ने पैदल ही घर की राह पकड़ ली थी लेकिन अब जबकि काम फिर से शुरी हो रहा है तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिकों को इनकी कमी खल रही है।
जिसकी वजह से इन्हं वापस काम पर बुलाया ( company owners asking labours to come back ) जा रहा है लेकिन अपने घर पहुंच चुके इन मजदूरों को अब वापस आने में दिक्कत हो रही है। तो वहीं कंपनियां इन्हें रेड कार्पेट पर बुलाने की तैयारी कर रही है।
जी हां ! खबर है कि कई कंपनियां मजदूरों को वापस आने के लिए फ्लाइट टिकट ( flight ticket for labours ) तक देने को तैयार है। मजदूरों की वापसी के लिए कंपनियां बड़े स्तर पर बात कर रही है। कुछ कंपनियां गांव के प्रमुख से बात कर लोगों को काम के लिए वापस भेजने का मनुहार कर रही हैं। कंपनियां मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ उनके आने-जाने की व्यवस्था भी खुद ही करने को तैयार हैं। हालांकि कुछ मजदूरों ने लौटने की इच्छा भी जताई है, लेकिन कंपनियों को इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ी है।
फार्मास्यूटिकल कंपनी KEC एमडी और सीईओ विमल केजरीवाल बताते हैं कि उनकी कंपनी के करीब दो तिहाई मजदूर वापस आ चुके हैं। कंपनी की तरफ से मजदूरों के परिवारों और गांव के सरपंचों को मजदूरों की सुरक्षा का वादा किया जा रहा है। केजरीवाल बताते हैं कि कुछ इलाकों में तो मजदूरों को फ्लाइट से भी वापस लाया जा रहा है। तो वहीं महाराष्ट्र में भी कमोबेश ऐसे ही हालात है।
सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की योजना- केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में रोजगार दिलाने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान ( Garib Kalyan rojgar Abhiyan ) की शुरूआत की है इस अभियान के तहत मजदूरों को 125 दिनों तक 202 रूपए प्रतिदिन की मजदूरी पर काम दिया जाएगा।
Published on:
24 Jun 2020 05:00 pm
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