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पिछले 6 सालों में पहली बार गिरा FDI, दूरसंचार क्षेत्र में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में पिछले 6 सालों में पहली बार 2018-19 में गिरावट दर्ज की गई है 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के जरिए 44.85 अरब डॉलर आए थे मोदी सरकार में FDI अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था

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Shivani Sharma

May 29, 2019

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पिछले 6 सालों में पहली बार गिरा FDI, दूरसंचार क्षेत्र में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

नई दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( FDI ) में पिछले 6 सालों में पहली बार 2018-19 में गिरावट दर्ज की गई है। दूरसंचार, फॉर्मा और अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश में गिरावट से एफडीआई एक फीसदी गिरकर 44.37 अरब डॉलर रह गया। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ( DPIIT ) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।


2012-13 में देखी गई थी गिरावट

आपको बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेश निवेश ( एफडीआई ) के जरिए 44.85 अरब डॉलर आए थे। इससे पहले 2012-13 में विदेशी निवेश में गिरावट दर्ज की गई थी। इस दौरान विदेशी निवेश 36 फीसदी गिरकर 22.42 अरब डॉलर रह गया था जबकि इससे पिछले साल 2011-12 में यह आंकड़ा 35.12 अरब डॉलर पर था।


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मोदी सरकार में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा

वित्त वर्ष 2012-13 के बाद से एफडीआई में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही थी। मोदी सरकार में FDI अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था औऱ यह हाई रिकॉर्ड साल 2017-18 में देखा गया था। आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में दूरसंचार, निर्माण विकास, फॉर्मास्यूटिकल्स और बिजली क्षेत्रों में FDI निवेश में पिछले साल के मुकाबले काफी गिरावट आई है।


दूरसंचार क्षेत्र में आई सबसे ज्यादा गिरावट

गौरतलब है कि दूरसंचार क्षेत्र के कारण ही FDI में गिरावट देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2018-19 में दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2.67 अरब डॉलर रहा, जो कि 2017-18 में 6.21 अरब डॉलर रहा था। निर्माण विकास में एफडीआई 54 करोड़ डॉलर से घटकर 21.3 करोड़ डॉलर, फार्मा में एक अरब डॉलर से गिरकर 26.6 करोड़ डॉलर और बिजली क्षेत्र में 1.62 अरब डॉलर से घटकर 1.1 अरब डॉलर रह गया। जिन प्रमुख क्षेत्रों में एफडीआई निवेश में वृद्धि दर्ज की गई है, उनमें सेवा क्षेत्र (9.15 अरब डॉलर), कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर (6.41 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (4.46 अरब डॉलर) और वाहन क्षेत्र (2.62 अरब डॉलर) शामिल हैं।


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भारत ने इन देशों को छोड़ा पीछे

वित्त वर्ष 2018-19 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में सिंगापुर ने मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया। एफडीआई में सिंगापुर की हिस्सेदारी 16.22 अरब डॉलर रही जबकि मॉरीशस से आठ अरब डॉलर आए। अन्य प्रमुख देशों में जापान , नीदरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांस शामिल हैं।

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