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गीता गोपिनाथ ने कहा – अपनी करंसी का वर्चस्व बढ़ाने के लिए अमरीका के नक्शे कदम पर चल रहा चीन

गीता ने कहा, "चीन युआन को दुनिया की सबसे प्रमुख करंसी बनाने की नक्शे कदम पर चल रहा है।" उन्होंने ये बात एक रिसर्च काॅन्फ्रेंस के दौरान किया।

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Gita Gopinath

गीता गोपिनाथ ने कहा - अपनी करंसी का वर्चस्व बढ़ाने के लिए अमरीका के नक्शे कदम पर चल रहा चीन

नर्इ दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए चीन हर संभव प्रयास कर रहा है। भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपिनाथ ने कहा कि चीन दुनियाभर में अपनी करंसी काे प्रमुख करंसी बनाने के हर नक्शे कदम पर चल रहा है लेकिन मौजूदा समय में चीनी करंसी यानी यूआन अमरीकी डाॅलर से अधिक पीछे है। बता दें कि आगामी जनवरी माह में ही गीता गोपीनाथ को इंटरनेशनल माॅनिटरी फंड (आर्इएमएफ) का चीफ इकोनाॅमिस्ट नियुक्त किया जाना है। मौजूदा समय में गीता गोपीनाथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल स्टडीज व इकोनाॅमिक्स की प्रोफेसर हैं।


अमरीका के नक्शे कदम पर चल रहा चीन

गीता ने कहा, "चीन युआन को दुनिया की सबसे प्रमुख करंसी बनाने की नक्शे कदम पर चल रहा है।" उन्होंने ये बात एक रिसर्च काॅन्फ्रेंस के दौरान किया। दरअसल बीते कुछ समय से चीन अपने ट्रेड पार्टनर्स को चीनी करंसी में व्यापार करने के प्रयास में लगा हुआ है। लेकिन अमरीकी डाॅलर की तरह चीन के पास कोर्इ वित्तीय संस्थान नहीं है, जो कि वित्तीय व व्यापार के तौर पर मजबूत हो। एेसे में पूंजी प्रवाह, फ्री एक्सचेंज रेटे मोबिलीटी जैसे कामों को ध्यान में देखें तो चीनी कंरसी को दुनिया की प्रमुख करंसी बनने में अड़चने आ सकती है।


अपनी करंसी में लेनदेन का प्रयास कर रहा चीन

उन्होंने अपने रिसर्च प्रेजेंटेशन में कहा कि चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाआें में से एक है। इसके साथ ही वो सबसे बड़ा निर्यातक भी है। एेसे में बीते कुछ समय से लग रहा की चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी करंसी को दुनिया की प्रमुख करंसी बनाने का प्रयास कर रहा है। चीन ने ठीक उसी तरह का प्रयास करना शुरू कर दिया है जिस तरह 20वीं सदी में अमरीका ने किया था। उन्होंने इसकी शुरुआत अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर युआन में ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की प्रयास में लगा हुआ है।