10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP में मिले सोने के भंडार पर GSI ने दी सफाई, नहीं मिला 3600 टन सोना

जीएसआई ने दी सफाई, कहा औसत दर्जे का 160 किलो सोना मिलने की संभावना नेताओ औैर मामले के ज्यादा तुल पकडऩे के बाद जीएसआई की ओर से आया बयान खनन विभाग और डीएम के पत्र व्यवयार के लीक होने के बाद मामला आया था सामने

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Feb 23, 2020

sonbhadra gold found.jpg

GSI's shocking disclosure, 3600 tons of gold not found in Sonbhadra

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में करीब 3600 टन सोना मिलने की बात जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( जीएसआई ) ने खारिज कर दी है। एजेंसी ने कहा है कि 3600 टन टन नहीं, सिर्फ 160 किलो औसत दर्जे का सोना मिलने की संभावना है।

आपको बता दें कि बीते एक हफ्ते ये सोनभद्र के दो इलाकों में सोने के भंडार मिलने की बात कही गई थी। जिसके बाद प्रदेश और केंद्र के नेताओं की ओर से बयान आने शुरू हो गए थे। कहा जा रहा था कि इस सौने से प्रदेश और देश की इकोनॉमी को काफी फायदा होगा। जीएसआई के बयान आने के बाद प्रदेश और केंद्र सरकार की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।

यह भी पढ़ेंः-Petrol Diesel Price Today : दिल्ली में 72 रुपए के पहुंचा पेट्रोल, डीजल 6 हफ्ते के बाद हुआ महंगा

ऐसे सामने आई थी सोना मिलने की बात
जीएसआई की सफाई के साथ उन तमाम खबरों पर ब्रेक लग गया, जिसमें पिछले एक हफ्ते से सोनभद्र में भारी पैमाने पर सोना मिलने का दावा किया जाता रहा है। आखिर सोनभद्र में तीन हजार टन सोना होने की बात कहां से फैली? जानकारी के अनुसार सारा खेल उत्तर प्रदेश के खनन विभाग और सोनभद्र के कलेक्टर के बीच हुए कुछ पत्र-व्यवहार के लीक होने के बाद शुरू हुआ।

उत्तर प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकम निदेशालय (माइनिंग डायरेक्टरेट) का 31 जनवरी 2020 का एक पत्र के अनुसार सोनभद्र जिले के सोना पहाड़ी ब्लॉक में कुल 2943.26 टन और हरदी ब्लॉक में 646.15 किलोग्राम सोना होने की संभावना जताई गई थी। इस प्रकार यह पत्र बताता है कि सोनभद्र जिले के दो ब्लॉक में करीब तीन हजार टन सोना होने की संभावना है।

यह भी पढ़ेंः-सोनभद्र में 3600 टन सोना मिलने के बाद कहां खड़ा है भारत?

7 मेंबर्स की टीम का गठन
इस पत्र में कहा गया है कि जीएसआई उत्तरी क्षेत्र लखनऊ की ओर से खनिजों की नीलामी की रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। खनिजों के ब्लॉकों की नीलामी से पहले भूमि का चिह्नंकन किया जाना है। सोना निकालने के लिए इस पत्र में सात सदस्यीय टीम के गठन की भी जानकारी दी गई है। पत्र में सोनभद्र के जिलाधिकारी (कलेक्टर) की ओर से इस संबंध में 20 जनवरी को पत्र व्यवहार करने की भी जानकारी भी दी गई है।

मीडिया में आते ही आग की तरह फैली खबर
जब 31 जनवरी का यह पत्र बीते 19 फरवरी को सोनभद्र की स्थानीय मीडिया के हाथ लगा, तो यह खबर आग की तरह फैल गई कि सोनभद्र की कोख में सोना ही सोना भरा है। जिले में तीन हजार टन सोना मिलने की खबरों के बाद टीवी चैनलों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया कि भारत फिर से सोने की चिडिय़ा बनने वाला है।

डिप्टी सीएम का आया था बयान
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी इसे भगवान का आशीर्वाद बताने लगे। उन्होंने इस सोने के मिलने के बाद कि इससे प्रदेश और देश की इकोनॉमी को काफी फायदा होगा। मामले ने जब हद से ज्यादा तूल पकड़ा तो शनिवार देर शाम जीएसआई के कोलकाता स्थित मुख्यालय को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सफाई देनी पड़ी। संस्थान ने कहा है कि सोनभद्र में तीन हजार टन सोना मिलने की बात गलत है।