10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अगर दुनिया में आ गया 5G नेटवर्क तो इनकी जा सकती है जान

गैलेक्टिक कनेक्शन नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक, नीदरलैंड के हेग शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान करीब 297 पक्षियों की जान चली गर्इ।

2 min read
Google source verification
5G testing in Netherland

अगर दुनिया में आ गया 5G नेटवर्क तो इनकी जा सकती है जान

नर्इ दिल्ली। 4G का मजा चखने के बाद पूरी दुनिया बेसब्री से 5G का इंतजार कर रही है। 5G को पूरी तरह से लाॅन्च करने को लेकर तकनीक क्षेत्र में कर्इ अग्रणी कंपनियां अलग-अलग मानकों पर इसका परीक्षण कर रही है। लेकिन दुनिया को पूरी तरह से बदलने का दावा करने वाला यह तकनीक अब जीव जंतुआें के लिए खतरा बनता जा रहा है। 5G को लेकर यह अहम सवाल तब खड़ा हुआ है जब नीदरलैंड में टेस्टिंग के दौरान अचानक सैकड़ों पक्षियों की जान चली गर्इ। एेसे में एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या हम आधुनिक होने के बदले जीव-जंतु व पर्यावरण के लिए खतरा बनते जा रहे हैं?


5G टेस्टिंग के दौरान 297 स्टार्लिंग पक्षियों की गर्इ जान

करीब एक सप्ताह पहले नीदरलैंड के हेग शहर में अचानक ही सैकड़ों पक्षियों के मरने की खबर तेजी से फैलने लगी। गैलेक्टिक कनेक्शन नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक, हेग शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान करीब 297 पक्षियों की जान चली गर्इ। इनमें से 150 पक्षियों की मौत टेस्टिंग शुरू हाेने के तुरंत बाद हो गर्इ। 5G टेस्टिंग के रेडिएशन का इतना बुरा प्रभाव था कि आसापास के कर्इ तालाब में बत्तखों के झुंड में अजीब तरह का व्यवहार देखा गया। वो बार-बार अपना सिर पानी में डूबों रही थी आैर बाहर आ रहीं थाी।


पहले भी 5G टेस्टिंग के दौरान हुर्इ है परेशानी

नीदरलैंड के इस शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान रेडियो फ्रिक्वेंसी रेडिएशन 7.40 गीगाहार्ट्ज था। हालांकि अभी इसके बारे में कोर्इ आधिकारिक पुष्टि नहीं हुर्इ है। इसके पहले भी एक आैर शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान कर्इ गायों को भी परेशानी हुर्इ थी। स्विटजरलैंड में भी 5G टेस्टिंग के दौरान गायों की एक झूंड अचानक से जमीन पर गिर गया था। डच फूड एंड कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सेफ्टी अथाॅरिटी ने इन मरे हुए पक्षियों की लैब में टेस्टिंग कर रही है। जिस पार्क में इन पक्षियों की मौत हुर्इ है, उसे पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इन पक्षियों का नाम स्टार्लिंग है।


दुनिया के लिए खतरा बन सकता है 5G

हाॅलैंड के एक एनजीआे के चेयरमैन पिटर कैलिन ने एक वेबसाइट को बताया है, पहले हमें बताया गया था कि माइक्रोवेव से किसी भी जीव को खतरा नहीं होता। लेकिन पर्यावरण मामलों के कर्इ डाॅक्टर्स ने चेतावनी दी है कि 5G तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। ये बहुत तेजी से जीव जंतुआे के स्किन में अब्जार्ब होता है। इससे कैंसर का भी खतरा भी बढ़ जाता है। 5G के कर्इ प्रोमोटर्स का दावा है कि इससे तकनीक से डाटा ट्रांसफर बहुत अधिक तीव्र हो जाएगा आैर साथ में एनर्जी व वित्तीय खर्च भी बहुत कम होगा। इसके लिए उच्चतम में रेडियो फ्रिक्वेंसी बैंड्स का इस्तेमाल किया जाना है।


Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर