12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

करोड़पतियों की आई भूखे मरने की नौबत, जानवरों को खाकर भर रहे हैं अपना पेट

हर देश को अपनी बढ़ती-घटती अर्थव्यवस्था की फिकर होती हैं। शायद ही ऐसा कोई देश होगा जिसने कभी गरीबी की सामना न करना पड़े। लेकिन जो वेनेजुएला में हो रहा है शायद ही ऐसा कभी किसी ने सोचा होगा।

2 min read
Google source verification
Venezueal economic crisis

करोड़पतियों की आई भूखे मरने की नौबत, जानवरों को खाकर भर रहे हैं अपना पेट

नई दिल्ली। हर देश को अपनी बढ़ती-घटती अर्थव्यवस्था की फिकर होती हैं। शायद ही ऐसा कोई देश होगा जिसने कभी गरीबी की सामना न करना पड़े। लेकिन जो वेनेजुएला में हो रहा है शायद ही ऐसा कभी किसी ने सोचा होगा। वेनेजुएला की स्थिती इस हद तक खराब हो चुकी है की वहां के करोड़पति लोगों को अगर कुछ खरीदना होना है तो वो बोरी भरकर नोट से भी नहीं खरीद सकते हैं। वेनेजुएला में क्या गरीब, क्या करोड़पति सब लोग खाने के लिए बिलख रहे हैं।


वेनेजुएला में स्थिती हुई बेहद खराब

वेनेजुएला में स्थिती इस हद तक खराब हो गई है की लोग खाने के लिए एक-दूसरे के जान के दुश्मन बने गए हैं। लोग भूख से इतने बेहाल है की सरेआम जानवरों को मारकर मांस अपने घर ले जा रहे हैं। इतना ही नहीं लोग अपनी भूख को मिटाने के लिए सार्वजनिक स्थानों के सामान लूट रहे हैं। रोज विरोध प्रदर्शन हो रहा है और लोग मारे जा रहे हैं। दिन ब दिन वेनेजुएला की हालत और बेकार होती जा रही हैं।


दोगुनी होती जा रही मंहगाई

वेनेजुएला में हर 18 दिन के बाद मंहगाई दोगुनी हो जाती है। वेनेजुएला पांच सालों से गहरे आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और ये संकट लगातार गहराता जा रहा है।हालात ये है कि वहां बोरी भरकर नोट ले जाने पर भी आप कुछ खरीद पाएगे।


वेनेजुएला के राष्ट्रपति का आरोप

पिछले 5 साल में इस देश की इकोनॉमी 50 फीसद से ज्यादा नीचे गिर चुकी है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुराओ का आरोप है कि देश की खराब आर्थिक सेहत की वजह तेल निर्यात पर वो प्रतिबंध हैं, जो अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने उस पर लगाए हुए हैं।इसके चलते उसके तेल की बिक्री में काफी कमी हो गई है।वेनेजुएला के कुल निर्यात में 96% हिस्सेदारी अकेले तेल की है। प्रतिबंधों के चलते जब तमाम देशों से उससे तेल लेना बंद कर दिया तो उसकी इकोनॉमी एकदम बैठ गई।


वेनेजुएला का सबसे बड़ा नोट एक लाख का

वेनेजुएला के हालात इस हद तक खराब है की वहां का का सबसे बड़ा नोट एक लाख का है लेकिन बाजार में इसकी कीमत कुछ भी नहीं। में अब एक लाख बोलिवर में कुछ नहीं खरीदा जा सकता। वित्तीय संकट की वजह से सरकार लगातार नोट छाप रही है जिससे हाइपर इन्फ्लेशन की स्थिति पैदा हो गई। वहां की मुद्रा बोलीवर की कीमत लगातार घट रही है। हालत यह है कि एक डॉलर 35 लाख बोलिवर की कीमत के बराबर हो गया है।


जर्मनी और जिम्बाब्वे का भी था यहीं हाल

बता दें की ऐसा ही हाल पहले विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और पिछले दशक की शुरुआत में जिम्बाब्वे का हो गया था।पहले विश्व युद्ध के बाद जर्मनी की ये हालत थी की पाई-पाई के लिए तरस रहें थे वहां के लोग। ऐसा ही हाल अब वेनेजुएला का होता जा रहा हैं। वेनेजुएला में केंद्रीय बैंक महंगाई को रोकने और नए नोट छापने में नाकाम रहा है।मई में यहां महंगाई 25 हजार फीसदी बढ़ चुकी थी। नोट बेमतलब हो गए हैं।अब लोग केले, अंडे और मक्के का आटा देकर हेयर कटिंग करवा रहे हैं।