
NPA
नई दिल्ली: कोरोनावायरस ( coronavirus ) की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है, और अगले 6 महीने में बैंकों के NPA ( banks NPA )की समस्या और ज्यादा विकराल रूप धारण कर सकती है। ये कहना है कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ( rbi Former Governor Raghuram Rajan) का । राजन का कहना है कि लॉडाउन की वजह से कंपनियों के कामकाज पर नेगेटिव असर पड़ा है, जिसकी वजह से बड़ी तादाद में कंपनियां अपने कर्ज लौटाने में असमर्थ है। जिसका सीधा असर बैंकों की कार्यप्रणाली पर पड़ेगा।
राजन ने आगे कहा कि इस समस्या को जितना जल्दी पहचान लिया जाए अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा। RBI के पूर्व गवर्नर ने ये बात नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड एकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) द्वारा आयोजित इंडिया पॉलिसी फोरम 2020 के एक सेशन के दैरान कही।
कृषि में है उम्मीद- राजन का कहना है कि अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) में फिलहाल जान डालने की जरूरत है इसे मानना पड़ेगा और सरकार जनधन खातों ( jan Dhan Account ) की सफलता की जितनी बात रही है वो सारी सच नहीं है। इस योजना का जितना प्रचार हुआ इसे उस मुकाबले सफलता नहीं मिली वहीं अर्थव्यवस्था के कृषि क्षेत्र ( Agriculture Sector ) पर भरोसा जताते हुए उन्होने कहा कि कृषि फिलहाल बाकी सबसे अच्छा कर रहा है और हमें इसमें संभावनाएं तलाशनी चाहिए । राजन ने कहा, "निश्चित रूप से मोदी सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया है. इन सुधारों की लंबे समय से बात हो रही थी, उसके सही तरीके से क्रियान्वयन होने से अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्से को लाभ होगा।
आरबीआई के एक और पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने कृषि के बारे में राजन का समर्थन करते हुए कहा कि मानसून अनुकूल रहने की संभावना के बीच सरकार को कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन का लाभ उठाकर वृद्धि को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
Published on:
15 Jul 2020 02:40 pm
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