
मोदी सरकार में हुआ इंफ्रास्ट्रक्चर का बुरा हाल, आज भी बीच में लटके सैकड़ों प्रोजक्ट, जानिए क्यों?
नई दिल्ली। आज से ठीक 5 साल पहले जब भारत में मोदी सरकार आई थी तो देश की जनता से कई तरह के वादे किए गए थे, लेकिन क्या सच में मोदी सरकार अपने उन वादों पर खरी उतरी हैं? क्या देश के सभी युवा रोजगार हो गए हैं? क्या देश की महंगाई कम हो गई है? सरकार ने संकल्प लिया था कि साल 2025 तक अर्थव्यवस्था में मैन्युफ़ैक्चरिंग का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत तक हो जाए। क्या अभी तक इसमें कुछ भी प्रगति हुई है या नहीं। आइए आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।
देश की अर्थव्यवस्था को हुआ नुकसान
केंद्र की सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की बातें कर बड़े-बड़े दावे करते रहे हैं। दावा है कि मोदी सरकार इस दिशा में काफी प्रयास कर रही है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की एक अहम रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में इस समय बहुच बड़ी संख्या में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं और इनकी संख्या सैकड़ों में हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया गया है कि इन प्रोजेक्ट्स के लटकने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान हुआ है, क्येंकि देरी की वजह से इन प्रोजेक्ट्स की लागत में करीब 33 अरब रुपए की बढ़ोत्तरी हो गई है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
आपको बता दें कि प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ‘अनारॉक’ और ‘एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री’ द्वारा ‘इंफ्रास्ट्रक्चर एंड रियल स्टेटः ए फुलक्रम फॉर चेंज एंड इकोनॉमिक ग्रोथ’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में चल रहे 1420 इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से 369 काफी देरी से चल रहे हैं। मोदी सरकार के आने के बाद से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है, जिस तरह देश के लोगों को उम्मीद दिलाई जा रही थी। उस हिसाब से सरकार ने किसी भी तरह का बड़ा बदलाव नहीं किया है और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लोगों को किसी भी तरह की राहत दी गई है।
366 प्रोजक्ट लटके हैं बीच में
वहीं, इसके अलावा 366 दूसरे प्रोजेक्ट अपने समय से काफी पीछे हैं या लटके हुए हैं। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में देरी की वजह से इनकी लागत में करीब 33 अरब रुपए की बढ़ोत्तरी हो गई है, जोकि सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था को झटका है। इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी नुकसान हुआ है और अगर आने वाले समय में भी यही हाल रहता है तो देश में मंदी का दौर भी देखने को मिल सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट को देना होगा बढ़ावा
आपको बता दें कि रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया गया है कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हाल इसी बात से समझा जा सकता है कि इस समय चल रहे कुल 1420 प्रोजेक्ट्स में से 366 औसतन 46 महीने की देरी से चल रहे हैं, जिसका सीधा असर इनकी लागत पर पड़ा है। हाल ही में देश में लोकसभा चुनाव शुरू हुए हैं, जिसके बाद भी इसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं देखने को मिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत को साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की लक्ष्य को पाना है तो सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट क्षेत्र की विकास दर को बढ़ाना होगा।
देश में आ सकती है मंदी
हमारे देश की सरकार अगर अर्थव्यवस्था में तेजी लाना चाहती है तो उसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की तरफ ध्यान देना होगा क्योंकि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो देश में जल्दी ही मंदी आने की संभावना भी हो सकती है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर इस क्षेत्र के प्रति इसी तरह की उदासीनता बनी रही तो, इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र अपनी चमक खो सकता है।
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Updated on:
29 Apr 2019 10:44 am
Published on:
29 Apr 2019 07:15 am
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