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चंद्रयान 2 को बनाने वाले इसरो चीफ एक महीने में कमाते हैं ढाई लाख रुपए, आईएएस ऑफिसर के बराबर है रैंक

इसरो चीफ की 7वें पे कमीशन के हिसाब से है 2.5 लाख रुपए प्रति माह सैलरी मात्र 978 करोड़ रुपए में चंद्रयान 2 को बनाने में पाई थी कामयाबी

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Saurabh Sharma

Oct 03, 2019

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नई दिल्ली। मौजूदा समय में चंद्रयान 2 और उसे बनाने वाले इसरो चीफ के सिवन के बारे में काफी चर्चा हो रही है। चंद्रयान की स्थिति कैसी है। विक्रम लैंडर मिला या नहीं। के सिवन कहां के रहने वाले हैं। उन्हें क्या पसंद है और क्या नहीं। तमाम बातों पर चर्चा हो रही है। लेकिन पत्रिका बिजनेस की टीम आपके लिए एक ऐसी जानकारी निकालकर लाई है जिसे जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। इसरो देश की काफी बड़ी संस्था है। इसका चीफ होना काफी बड़ी बात है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इसरो चीफ किस प्रशासनिक पद के बराबर है? आखिर इसरो के प्रमुख के सिवन को कितनी सैलरी मिलती होगी। आइए आपको भी बताते हैं इस बारे में...

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के सिवन को एक महीने में मिलती है इतनी सैलरी
इसरो प्रमुख के सिवन को हर महीने 2.5 लाख रुपए बतौर सैलरी दी जा जाती है। जानकारी के अनुसार इसरो प्रमुख यह सैलरी 7 वें वेतन आयोग के हिसाब से है। खास बात तो ये है कि देश के कई प्रशासनिक पदों पर बैठे हुए अधिकारियों की सैलरी इतनी नहीं होती है। हाईकोर्ट के जज की सैलरी ढाई लाख रुपए है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश की सरकार के लिए इसरो प्रमुख कितने अहम है। देश को ब्रह्मांड में अहम स्थान दिलाने में इसरो और उसके प्रमुख का अहम योगदान होता है। ऐसे में उनकी सैलरी भी उसी हिसाब से होती है।

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इस प्रशासनिक पद के बराबर होता इसरो चीफ का पद
इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन का पद देश के किन प्रशासनिक पदों के बराबर होता है। यह काफी अहम सवाल है। क्योंकि प्रशासनिक पदों पर भी कोई आकर नहीं बैठ सकता और इसरो का प्रमुख तो बिल्कुल भी नहीं। जानकारी के अनुसार इसरो प्रमुख का पद सीनियर आईएएस ऑफिसर के बराबर होता है। कुछ मामलों में तो उससे भी बड़ा। इसरो चीफ के रूप में देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी रह चुके हैं। वहीं राकेश शर्मा, सतीश धवन, के राधाकृष्णनन जैसे नाम भी इसरो चीफ रह चुके हैं।