
Corona rakshak Policy
नई दिल्ली। कोविड-19 वायरस जिसके बारे में दुनिया को हालही में पता लगा, इससे पहले लोग साधारण हेल्थ पॉलिसी लेते थे, लेकिन कोरोना माहामारी के सामने आने के बाद हेल्थ पॉलिसी में पहले तो इसे कवर नहीं किया गया, पर संक्रनण के लगातार बढ़ने के बाद जब लोग अस्पतालों में भर्ती होने लगे और अस्पतालों का लंबा-चौड़ा बिल सामने आया तो लोग सकते में पड़ गए। ऐसे में कई बीमा कंपनियां महामारी को देखते हुए कोरोना रक्षक पॉलिसी बेचने लगीं। इंश्योरेंस कंपनियां इस विशेष प्रोडक्ट को 10 जुलाई के बाद से लॉन्च किया। बीमा कंपनियों का मकसद था उपभोक्ताओं को इस संकट के दौर में इलाज के लिए उचित दर पर कोरोना वायरस कवर उपलब्ध कराना। इस नई पॉलिसी के बारे में आप क्या जानते हैं।
1. इस पॉलिसी में पॉलिसी होल्डर को सीधा फायदा मिलता है। अगर पॉलिसी धारक कोरोना संक्रमित होता है तो उसे इलाज के लिए एकमुश्त रकम मिल सकती है। लेकिन बीमा की रकम के लिए एक आवश्यक शर्त भी है वह है पॉलिसी धारक को कम से कम 72 घंटे तक लगातार अस्पताल में भर्ती रहना ज़रूरी होगा।
2. कोरोना रक्षक पॉलिसी होल्डर के लिए तीन तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। पहला 3.5 महीने के लिए, दूसरा 6.5 महीने का और तीसरा 9.5 महीने अवधि का होता है। ज़ाहिर है इस रक्षित अवधि की समाप्ति के बाद इस पॉलिसी को दोबारा रिन्यू कराना होगा।
3. दूसरी सामान्य पॉलिसी से हट कर इसमें केवल 15 दिन का वेटिंग टाइम होता है। इसमें वेटिंग पीरियड का मतलब होता है वह अवधि जिसमें किसी भी तरह का बेनिफिट क्लेम नहीं किया जा सकता है। मतलब साफ है इस हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने के 15 दिन बाद ही खरीदार को कवर मिलता है।
4. सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना रक्षक पॉलिसी 50,000 रुपये से 2,50,000 रुपये तक की लिमिट का इंश्योर्ड करती है। इसका मतलब है इंश्योरेंस कवर की वह राशि जिसे इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय बीमा कंपनी पॉलिसी होल्डर के लिए तय करती है। उदाहरण के लिए यदि कोई पॉलिसी धारक को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में 2 लाख रुपये का कवर मिला है तो उस व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने पर उसके लिए 2 लाख रुपये तक का खर्च कंपनी उठाएगी।
5. इस पॉलिसी के लिए उम्र की सीमा भी निर्धारित की गई है। जिसमें पॉलिसी धारक की उम्र 18 से 65 साल के बीच होना अनिवार्य है।
Updated on:
01 Oct 2020 10:25 pm
Published on:
01 Oct 2020 10:18 pm
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