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डाॅलर की मार से डूब रहा है रुपया, इस करंसी ने अमरीका को भी पिला दिया पानी

भले ही कुवैत की इकोनाॅमी अमरीका की इकोनाॅमी से ज्यादा मजबूत ना हो, लेकिन उसकी करंसी डाॅलर से तीन गुना ज्यादा मजबूत है। कुवैत की करंसी का नाम दिनार है।

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Saurabh Sharma

Oct 11, 2018

Dinar

डाॅलर की मार से डूब रहा है रुपया, इस करंसी ने अमरीका को भी पिला दिया पानी

नर्इ दिल्ली। भारतीय करंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की कर्इ अर्थव्यवस्था आज अमरीकी डाॅलर से काफी त्रस्त हैं। गुरुवार को मार्केट खुलने पर रुपया डाॅलर के मुकाबले में अपनी एेतिहासिक गिरावट 74.46 रुपए पर आ गया है। वहीं एक करंसी एेसी भी है जो जिसने अमरीका को भी पानी पिलाया हुआ है। उस करंसी का सबसे छोटा नोट 3.30 अमरीकी डॉलर के बराबर है। अगर भारतीय रुपए के हिसाब से करीब 245 रुपए होगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कौन सा देश है जिसकी करंसी अमरीका से भी ज्यादा मजबूत है।

कुवैत की करंसी है दिनार है डाॅलर से ज्यादा मजबूत
भले ही कुवैत की इकोनाॅमी अमरीका की इकोनाॅमी से ज्यादा मजबूत ना हो, लेकिन उसकी करंसी डाॅलर से तीन गुना ज्यादा मजबूत है। कुवैत की करंसी का नाम दिनार है। जोकि अमरीकी डाॅलर के मुकाबले काफी मजबूत स्थिति में हैं। जहां पूरी दुनिया की करंसी अमरीकी डाॅलर के मुकाबले डूब रही है। वहीं दिनार अब भी काफी मजबूती के साथ खड़ा हुआ दिखार्इ दे रहा है। आंकड़ों की मानें तो एक दिनार 3.30 अमरीकी डाॅलर के बराबर है। जो काफी ज्यादा है।

भारतीय रुपया भी काफी कमजोर
वहीं दूसरी आेर भारतीय रुपया आैर दिनार की तुलना करें तो रुपया कहीं नहीं ठहरता है। आंकड़ों के अनुसार एक दिनार 245.11 रुपए के बराबर है। अगर बात कुवैत की इकोनाॅमी की बात करें तो 118.271 बिलियन डाॅलर है। जो दुनिया में 55वीं रैंक पर है। जबकि भारत की इकोनाॅमी 2.690 ट्रिलियन की है। जो दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं अमरीका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जो 18.558 ट्रिलियन डाॅलर की है।

आज फिर गिरा रुपया
वहीं दूसरी आेर गुरुवार को फाॅरेन एक्सचेंज मार्केट खुलते ही रुपया फिर एेतिहासिक गिरावट की आेर आ गया। मार्केट खुतले ही डाॅलर के मुकाबले रुपया 74.46 पर मार्क हुआ। इससे पहले बुधवार को डाॅलर रुपए के मुकाबले में कमजोर हुआ था। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से अमरीकी डाॅलर भारतीय रुपए के मुकाबले काफी अच्छा कर रहा है। भारतीय रुपया की 6 रुपए तक नीचे जा चुका है।