
udhhav Thakrey
नई दिल्ली: कोरोनावायरस ने महाराष्ट्र सरकार का खजाना खाली कर दिया है। लॉकडाउन की वजह से उद्योगधंधे ठप्प पड़े, आर्थिक काम रूके पड़े हैं और इसका असर सरकार के राजस्व पर भी देखने को मिल रहा है। नौबत ये आ गई है कि अप्रैल से लेकर जून तक अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए सरकार को कर्ज का सहारा लेना पड़ सकता है। एक अनुमान के मुताबिक उद्धव सरकार को सिर्फ वेतन के लिए 15 से 20 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ सकता है।
40 हजार करोड़ का हुआ नुकसान- लॉकडाउन के कारण पिछले 2 हफ्तों से जीएसटी ( GST), स्टैंप ड्यूटी, एक्साइज और परिवहन टैक्स के जरिये मिलने वाला राजस्व ( tax revenue ) पूरी तरह से ठप पड़ गया है जिसके कारण राज्य को 40 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल मार्च महीने में राज्य सरकार ने राज्स्व से 42 हजार करोड़ रुपए की कमाई की थी लेकिन इस बार इसमें 60 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। इस बार सरकार को मार्च में टैक्स के रूप में सिर्फ 17 हजार करोड़ रुपये मिले हैं। जबकि अप्रैल में अभी तक 4-5 करोड़ ही आए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस महीने भी सरकार को 70-80 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
राज्य सरकार पर फिलहाल 5.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्ज के ब्याज के रूप में हर महीने 3 हजार करोड़ रुपये चुकाने पड़ते हैं। सरकारी अधिकारियों की मानें तो कोरोना के बाद हालात अक्टूबर-नवंबर तक ही सामान्य हो पाएंगे जिसकी वजह से सरकार को इस साल राजस्व की कमाई में 50 फीसदी तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
Updated on:
10 Apr 2020 04:10 pm
Published on:
10 Apr 2020 04:07 pm
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