
manufacturing sector growth slumped to 8 year high, PMI reached 54.5
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण एक्सपोर्ट और सप्लाई चेन को लेकर कारोबारी धारणा कमजोर रहने की वजह से फरवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ आठ साल के उच्चतम स्तर से फिसल गया है। आईएचएस मार्किट द्वारा विनिर्माण क्षेत्र के लिए जारी परचेंसिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) फरवरी में 54.5 पर पहुंच गया। जबकि जवनरी में यह 55 से अधिक था।
जनवरी में था 8 साल के उच्चतम स्तर पर
पीएमआई 50 से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में तेजी और 50 से कम रहना गिरावट दिखाता है। इसका 50 का स्तर स्थिरता का द्योतक है। माह-दर-माह आधार पर जारी होने वाला यह आंकड़ा जनवरी में 55.3 रहा था। लेकिन फरवरी में कोरोना वायरस की वजह से एक्सपोर्ट और सप्लाई चेन काफी प्रभावित हुई है। चीन से कोई सामान आयात नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से कोई सामान तैयार नहीं हो पा रहा है। जानकारों की मानें तो अभी मामला ठंडा नहीं हुआ है। आने वाले महीनों में इस और ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।
कंपनियों का विश्वास हुआ कम
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी. लीमा ने भारत के संबंध में आज जारी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि फरवरी में घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डरों में मजबूत वृद्धि से भारत का विनिर्माण क्षेत्र लाभांवित हुआ। मांग बढऩे के कारण कंपनियों ने अपना उत्पादन और कच्चे माल की खरीद बढ़ा दी।
हालांकि कोविड-19 या कोरोना वायरस का संक्रमण निर्यात और आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरा पैदा कर रहा है। अगले एक साल के परिदृश्य को लेकर कंपनियों का विश्वास कम हुआ है जिससे उन्होंने खुलकर नई भर्ती नहीं की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि जनवरी के 91 महीने के उच्चतम स्तर के समान ही रही। इसमें उपभोक्ता उत्पाद के उपवर्ग में सबसे ज्यादा तेजी रही।
Updated on:
03 Mar 2020 08:49 am
Published on:
02 Mar 2020 02:58 pm
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