8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, निर्यात ऋण का बढ़ेगा दायरा…1 खरब डॉलर पहुंचेगा निर्यात

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्योगों को मिलने वाले किफायती कर्ज का विस्तार हो और उन्हें आसानी से यह कर्ज मिले।

2 min read
Google source verification
एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, बढ़ेगी निर्यात ऋण की उपलब्धता...1 खरब डॉलर पहुंचेगा निर्यात

एमएसएमई को मिलेगा बढ़ावा, बढ़ेगी निर्यात ऋण की उपलब्धता...1 खरब डॉलर पहुंचेगा निर्यात

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्योगों को मिलने वाले किफायती कर्ज का विस्तार हो और उन्हें आसानी से यह कर्ज मिले। गोयल ने बैंकों से 2030 तक 1 खरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एमएसएमई को उन्नत और किफायती ऋण मिलना सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उन्होंने एमएसएमई निर्यातकों को निर्यात ऋण की उपलब्धता बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान दिए। बैठक में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सहित 21 बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।

यह भी पढ़ें : बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए 12 राज्यों को मिली अतिरिक्त उधारी

योजना के सभी बैंकों तक विस्तार की जांच

एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड ने बढ़े हुए कवर की योजना के तहत अपने अनुभव के आधार पर, ईसीजीसी ने अब एमएसएमई निर्यातकों के एक बड़े वर्ग को पर्याप्त और किफायती ऋण उपलब्ध कराने के लिए और संशोधनों का प्रस्ताव दिया है। उत्पाद निर्यातकों को निर्यात ऋण की कम लागत के साथ उधारकर्ता खातों को 'एए' रेटेड खाते के बराबर मानने की सुविधा देता है। ईसीजीसी नौ बैंकों के लिए प्रस्तावित योजना के सभी बैंकों तक विस्तार की जांच कर सकती है, ताकि एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात ऋण उठाव बढ़ाया जा सके। बैंकरों ने अपनी ओर से सुझाव दिया कि ईसीजीसी को सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के समान दावा प्रसंस्करण पद्धति अपनानी चाहिए, जिसके लिए वाणिज्य मंत्री ने ईसीजीसी को अपने नुकसान की भरपाई के लिए समान तर्ज पर एक पैटर्न का पालन करने की सलाह दी। गोयल ने बैंकों को प्रस्तावित योजना का लाभ उठाने और एमएसएमई निर्यातकों को पर्याप्त और किफायती निर्यात ऋण देने की सलाह दी। इससे देश 2030 तक 1 खरब डॉलर के व्यापारिक निर्यात के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होगा।