
Mukesh Ambani said this work will have to be done to make atma nirbhar
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शुमार हो चुके रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया कि कोरोना वायरस के मुश्किल दौर में किस तरह से देश को मौजूदा आर्थिक हालातों से निकालते हुए आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने देश और रिलायंस के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि देश में मैन्युफैक्चरिंग पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने की जरुरत होगी। देश में सामान तैयार होगा तो देश के लोगों को दूसरे देशों के सामान पर निर्भर रहने की जरुरत नहीं होगी।
जब रिलायंस पर लगा दिया गया था जुर्माना
मुकेश अंबानी ने एक ईवेंट पर बोलते हुए कहा कि उन्हें अब भी याद है कि उदारवाद से पहले के दौर में जब देश में लाइसेंस कानून का डंडा था तो लाइसेंस से ज्यादा उत्पादन करने के कारण रिलायंस पर जुर्माना लगा दिया गया था। उसके बाद 1991 में देश में आर्थिक सुधार देखने को मिले। जिसके बाद से देश में मैन्युफैक्चरिंग को समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज जो कुछ भी किया जा रहा है वो ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन करने से जुड़ा हुआ है। जो इस बात की ओर संकेत करता है कि देश के लोगों की सोच मकं कितना फर्क देखने को मिल चुका है।
एमएसएमई में स्टार्टअप की जरुरत
मुकेश अंबानी के अनुसार देश में टेक सेक्टर में कई स्टार्टअप देखने को मिल चुके हैं। अब एमएसएमई को समर्थन देने की जरुरम है। देश के इस सेक्टर को स्टार्टअप की जरुरत है। अभी तक जितना टैक्नोलॉजी या ऑनलाइन स्टार्टअप के बारे में ध्यान दिया है अब उससे ज्यादा मैन्सुफैक्चरिंग इंडस्ट्री स्टार्टअप के बारे में ध्यान देना होगा।
उनके पिता के इस सवाल का जवाब है जियो
उन्होंने रिलायंस जियो के बारे में चर्चा की और अपने पिता धीरूभाई अंबानी के उस सवाल को याद किया जो उन्होंने कभी किया था। मुकेश अंबानी ने बताया कि उनके पिता ने काफी वर्ष पहले एक सवाल किया था। वो यह था कि वो कभी पोस्टकार्ड से भी कीमत पर फोन पर बात कर पाएंगे। जिस पर उन्होंने अब कहा है कि रिलायंस जियो उनके इसी सवाल का जवाब है। मुकेश अंबानी ने इस बात को कहकर इस ओर इशारा कर दिया है कि मौजूदा समय में जियो पोस्टकार्ड से भी कम कीमत पर कंयूनिकेशन की सुविधा मुहैया करा रहा है।
मात्र 1000 रुपए लेकर आए थे मुंबई
मुकेश अंबानी ने बताया कि उनके पिता एक स्कूल मास्टर के पुत्र थे, जो 1000 रुपए के साथ अपनी आंखों में सपना लेकर मुंबई आए थे। वो दौर 1060 का था। उन्होंने इस बात तो तब सोचा कि अगर फ्यूचर ओरिएंटिड बिजनेस में निवेश किया जाए देश को काफी आगे की ओर से लेकर जा सकते हैं। उन्होंने इसी भरोसे के साथ दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में एक को तैयार किया। रिलायंस इंडस्ट्रीज ऊर्जा, कपड़ा, दूरसंचार और खुदरा उद्योग में काम कर रही है।
Updated on:
20 Oct 2020 12:13 pm
Published on:
20 Oct 2020 12:05 pm
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