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Manufacturing Sector के लिए नए Stimulus Package का हो सकता है ऐलान, जानिए कितनी दी जा सकती है रकम

Manufacturing Sector को अलग से Package देने की हो रही है तैयारी, Finance Minstry की ओर से मिले संकेत Gpvt की ओर दिए गए 20 लाख करोड़ के Stimulas Package से अलग होगा Manufacturing Sector को मिलने वाला पैकेज

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Stimulus Package

New relief package may be announced for manufacturing sector

नई दिल्ली। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ( Manufacturing Sector ) को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार जल्द ही एक नया पैकेज ( Package for Manufacturing Sector ) लाने जा रही है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry ) के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर गुरुवार को दी गई। यह पैकेज बीते दिनों सरकार ( Government of India ) द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के अलावा होगा। कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) के प्रकोप से निपटने और अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) के विभिन्न क्षेत्रों को मदद करने के मकसद से सरकार ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

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कई सेक्टर्स को मिल सकती है राहत
आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव तरुण बजाज ने बताया कि देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न सेक्टरों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार विभिन्न सेक्टरों को वित्तीय पैकेज देने पर विचार कर रही है। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एनुअल कैपिटल मार्केट कान्फ्रेंस 'सीएपीएम-2020' के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बाद देश में वी-आकार की रिकवरी यानी तेजी से रिवकरी देखने को मिल सकती है।

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एग्रीकल्चर सेक्टर पर बढ़ी निर्भरता
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पैदा हुई आर्थिक सुस्ती उबरने के लिए कृषि पर निर्भरता अब पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है। कृषि क्षेत्र के विकास का असर विनिर्माण और एफएमसीजी सेक्टर पर भी पड़ेगा बजाज ने आगे कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया को तेज करने और बुनियादी संचरनाओं के विकास के लिए ज्यादा फंड प्राप्त करने के लिए हम उर्जा, सड़क रेल और जहाजरानी जैसे विभिन्न विभागों के साथ काम कर रहे हैं।

बांड बाजार को मजबूती
बांड बाजार के संबंध में बजाज ने कहा कि इसे मजबूत करने की कोशिशें की गईं हैं और चयनित सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी निवेशकों को निवेश करने की पूरी इजाजत देकर वैश्विक संकेतकों में बांड को शामिल करने के लिए कदम उठाए गए हैं।