
नीति आयोग ने मोदी की थपथपार्इ पीठ, कहा सरकार का कामकाम 'चमात्कारिक'
नर्इ दिल्ली। नीति आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को उसके चार साल के कार्यकाल के बाद अपने पास घोषित कर दिया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज को ''चमत्कारिक'' बताया। उनहोंने कहा कि पिछले चार साल में आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फिति आैर राजकोषिय घाटा समेत वृहत आर्थिक मानदंडो में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राजीव कुमार ने कर्इ आर्थिक मोर्चे पर बात करते हुए पिछले सरकार की अंतिम वर्षों की अपेक्षा मोदी सरकार ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
यूपीए सरकार के दौर में थम गया था विकास
पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के अंतिम वर्षों में देश का विकास थम गया था आर नीतिगत निर्णय लेने के मोर्चे पर अपंगता जैसी स्थिति थी। इस लिहाज से पिछले चार साल में मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
बैंकाें के लिए बढ़ता एनपीए चिंताजनक
कुमार ने कहा, 'वर्ष 2014 में अर्थव्यवस्था नीचे जा रही थी और बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) पहले ही बहुत बढ़ चुके थे। इसके अलावा नीतिगत मोर्चे पर भी सरकार में फैसला लेने की स्थिति नजर नहीं आ रही थी। इस नजरिये से देखें तो वर्तमान सरकार जहां से चली थी, वहां से वृहत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बहुत आगे बढ़ी है।ये चमत्कारिक है।'
आर्थिक वृद्धि में तेजी
उन्होंने आगे कहा कि, मुद्रस्फिति नीचे है, विदेशी मुद्रा भंडार भरा है, राजकोषिय घाटा नियंत्रण में है आैर साथ ही आर्थिक वृद्धि में तेजी आर्इ है। नरेन्द्र मोदी की मौजूदा सरकार को आर्थिक रूप से समावेशी बनाया है। हालांकि उन्होंने ये बात भी स्वीकार किया कि अभी भी कुछ क्षेत्रों में चिंता की स्थिति बनी हुर्इ है।
वृहत अर्थशास्त्र को फिर से देखने की जरूरत
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि, बैंकों के लिए फंसा हुअा कर्ज (एनपीए) अभी उंचा है, चालू खाते में भी अभी सुधार नहीं हुआ है, लेकिन 2014 के मुकाबले देखें तो ये बेहतर है। तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों पर उन्होंने कहा कि, तेल कीमतों ने एक समय राहत दिया था लेकिन अब इसके दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रहा है। इसकी सीधा मतलब है कि हमें वृहत अर्थशास्त्र को फिर से देखना होगा ताकि हम वृद्धि दर को अागे बढ़ाने बढ़ाते रहें। हम एेसा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। साथ ही उन्होंने निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिए बैंकों के संचालन पर भी गौर करने की बात कही। इस बात की भी उम्मीद जतार्इ की सकल मुद्रास्फिति को अगर उपर नहीं जाएगी आैर विनिर्माण क्षेत्र की महंगार्इ दर भी नरम रहेगी।
Updated on:
28 May 2018 04:03 pm
Published on:
28 May 2018 09:28 am
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