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8 करोड़ Migrants Workers में से एक चौथाई को मिला Free Ration, करीब 7 राज्यों ने किया इनकार, जानिए इसकी वजह

Union Food Ministry ने मई और जून के महीनों के Free Ration Distribution के जारी किए आंकड़े Goa और Telangana समेत बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, सिक्किम और लद्दाख ने किया इनकार

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One fourth of 8 cr migrants workers got free ration, 7 states refused

One fourth of 8 cr migrants workers got free ration, 7 states refused

नई दिल्ली। देश के आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों ( Migrant Workers in India ) को मई और जून में मुफ्त अनाज वितरण ( Free Ration Distribution ) होना था, जिनमें से सिर्फ एक चौथाई यानी सिर्फ दो करोड़ मजदूरों को ही हो सकता है। खास बात तो ये हे कि गोवा और तेलंगाना राज्यों ( Goa And Telangana States ) में इस कैटेगिरी का कोई मजदूर नहीं है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ( Union Food Ministry ) ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि गोवा और तेलंगाना दो राज्यों को मुफ्त राशन बितरण हुआ ही नहींख् जबकि बिहार ( Bihar ), गुजरात Gujarat ), महाराष्ट्र ( Maharashtra ), तमिलनाडु ( Tamil Nadu ), सिक्किम ( Sikkim ) और लद्दाख ( Ladakh ) राज्यों में जून के महीने में अनाज वितरण किया ही नहीं गया। आपको बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के दौरान मोदी सरकार ( Modi Government ) ने मई और जून में 8 करोड़ अप्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज बांटने की घोषणा की थी, जिसके तहत प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न और एक किलो चना दाल आवंटित होना था। जिसका बजट 3500 करोड़ रुपए रखा गया था।

इन राज्यों ने लाभ लेने से किया इंकार
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार देश के करीब 2.14 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों ने पूरा तो कुछ ने कम उठाया है। कुछ राज्य ऐसे भी रहे जिन्होंने ज्यादा और कुछ ने बिल्कुल भी नहीं लिया है। जिसकी वजह से यह आंकड़ा स्थिरता पर नहीं आ पाया है। उनके अनुसार गोवा और तेलंगाना समेत करीब 7 राज्य ऐसे भी हैं जिन्होंने सरकाी को खत लिख्खकर योजना को लागू ना कर पाने के बारे में लिखा है। मिनिस्ट्री की ओर से जारी हुए आंकड़ों के अनुसार आठ लाख टन के कुल खाद्यान्न आवंटन का 80 फीसदी हिस्सा 28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने उठा लिया है।

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राज्यों की ओर से कितना हुआ आवंटन
खास बात ये है कि खाद्यान्न उठाने रवाले राज्य दो महीनों में केवल 1,07,031 टन आंवटित कर पाएं हैं। आंकड़ों की मानें तो मई महीने में आठ करोड़ के मुकाबले सिर्फ 1.21 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को 60,810 टन मुफ्त अनाज मिला जबकि जून में 92.44 लाख प्रवासियों को 46,221 टन अनाज बांटा गया। बात राज्यों की करें तो मई के महीने में राजस्थान में सर्वाधिक 42.47 लाख मजदूरों को मुफ्त अनाज मिला। वहीं जून में भी राजस्थान ने अधिकतम 42.47 लाख मजदूरों को लाभ दिया। ताज्जुब की बात तो ये है कि 12 राज्यों में कुल आवंटन का एक फीसदी से भी अनाज वितरण हुआ था। सिक्किम, उत्तराखंड, ओडिशा, पुड्डुचेरी, केरल जैसे राज्यों में आवंटन काफी कम हुआ है। राज्यों को 15 जुलाई तक लाभ लेने वालों की लिस्ट देने को बोला गया है।