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रिपोर्ट में दावा, वर्क फ्रॉम होम से 3 में से एक भारतीय ने हर महीने बचाए 5 हजार रुपए

होमग्रोन फ्लेक्स वर्कप्लेस प्रोवाइडर-ऑफिस की ओर से कराया गया है यह सर्वे वर्क फ्रॉम होम से लोगों ने ट्रैवल से लेकर कपड़ों तक में बचाए अपने रुपए

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Saurabh Sharma

Sep 02, 2020

Work from home

नई दिल्ली। कोरोना के भयावह दौर ( Corona Era ) में देश की कई कंपनियों ने मार्च के पहले और दूसरे सप्ताह से ही अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम ( Worl From Home ) की सुविधा दे दी थी। लॉकडाउन की घोषणा के बाद तो करोड़ों लोगों ने अपने घर से ही काम किया। खास बात तो ये हैं कि इस दौरान प्रत्येक 3 में से एक भारतीय इंप्लाई ने जिन्होंने वर्क फ्रॉम होम किया है उन्होंने प्रत्येक महीने 3 से 5 हजार रुपए तक की बचत की है। यह सर्वे भारत के सबसे बड़े होमग्रोन फ्लेक्स वर्कप्लेस प्रोवाइडर-ऑफिस ने कराया है। इस सर्वे में और भी कई दिलचस्प बाते सामने निकलकर आई हैं। आइए आपको भी बताते हैं।

लॉकडाउन में बचाए 5 हजार रुपए
कोरोना वायरस की वजह से दूरे देश में लॉकडाउन किया गया था, जिसकी वजह से अधिकतर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अपने घर से काम करने की सुविधा दी थी। सर्वे के अनुसार वर्क फ्रॉम होम से तीन में से एक ने हर महीने औसतन 3000 से 5000 रुपए की बचत की है। सर्वे के अनुसार घर से काम करते हुए लोगों ने ट्रैवलिंग से होने वाले खर्च से लेकर बाहर खाने-पीने, कपड़े खरीदने और बाकी मदों में रुपए बचाए हैं।

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सर्वे में यह निकलकर आया सामने
- यह सर्वे जून और जुलाई के दौरान लोगों से बातचीत के आधार पर किया गया है।
- इस सर्वे में सात शहरों के अलावा डाइवर्स इंडस्ट्रीज के 1000 से अधिक कर्मचारियों को शमिल किया था।
- 74 फीसदी लोगों वर्क फ्रॉम होम के लिए हामी भरी थी।
- 80 फीसदी का कहना था कि उनके जॉब प्रोफाइल के अनुसार वर्क फ्रॉम होम सूट करता है।
- 47 फीसदी लोगों के अनुसार वर्क फ्रॉम होम में कुर्सी और मेज की कमी महसूस हुई।
- 71 फीसदी के अनुसार घर में काम करने का अलग रूम हो तो वो वर्क फ्रॉम होम बेटर है।
- 60 फीसदी कर्मचारियों ने माना उन्होंने रोजना ऑफिस आने-जाने करीब 105 मिनट बचाए। जिससे उन्हें एक साल में काम करने के करीब 44दिन ज्यादा मिले।