
शुरू हुई आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक, केंद्रीय बैंक से आपको मिल सकता है खास तोहफा
नई दिल्ली। नए वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) की मौद्रिक समीक्षा नीति ( MPC ) की दूसरी बैठक आज (सोमवार) से शुरू हो गई है। RBI की इस बैठक पर सभी की नजरें इसलिए भी होंगी क्योंकि बीते शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी विभाग ( cso ) ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक मार्च तिमाही में भारत का GDP बीते पांच सालों के न्यूनतम स्तर पर फिसलकर 5.8 फीसदी हो गया है। इसके पहले लगातार दो बैठकों में भी आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी रेपो रेट में कटौती का फैसला ले चुका है। इन दो बैठकों में ब्याज दरों में कुल 50 आधार अंक की कटौती देखने को मिली है।
ब्याज दरों में कटौती का फायदा नहीं मिल रहा
आरबीआई द्वारा इस ब्याज दरों में कटौती के बाद भी एमसीएलआर रेट में अभी तक 5 आधार अंक की ही कटौती देखने को मिली है। इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैश ( Goldman Sachs ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस बार की बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करने का फैसला लेगा क्योंकि मॉनसून कुछ खास नहीं दिख रहा, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है।
इन बातों का भी रखना होगा ध्यान
इस बार की बैठक में केंद्रीय बैंक की नजर नई सरकार की नीतियों और ग्रोथ व मुद्रास्फिति को लेकर नजरिये पर भी होगा। पिछले सप्ताह ही बॉन्ड यील्ड बीते 18 महीनों के निचले स्तर पर फिसलते हुए 7.03 फीसदी के स्तर पर आ गया है। सोमवार को दोपहर तक 10 साल का बॉन्ड यील्ड घटकर 6.97 फीसदी के स्तर पर है। ऐसे में जानकार इस बात का कयास लगा रहे हैं कि आरबीआई ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती कर सकता है।
क्या है जानकारों का कहना
भारतीय स्टेट बैंक की ग्रुप चीफ इकोनॉमिक सलाहकार सौम्य कांति ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि आरबीआई इस बैठक में 35-50 आधार अंकों की कटौती करने के बारे में सोच सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भ कहा कि आरबीआई को ट्रांसमिशन पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो आम लोगों को कुछ खास फायदा नहीं मिल सकेगा। वहीं, कइ लोगों को इस बात की भी उम्मीद है कि आरबीआई रेट कट के साथ-साथ बाजार में तरलता के सही स्तर के लिए कुछ घोषणा करेगा।
कोटक महिंद्रा बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि आरबीआई से उम्मीद है कि वो 25-50 आधार अंकों की कटौती करेगा। आरबीआई का यह फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि आखिर बजट और खर्च के बीच कैसे सामंजस्य रहता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक वैश्विक ट्रेड टेंशन और भूराजनीतिक स्थिति के साथ-साथ मॉनसून को भी ध्यान में रखते हुए फैसला लेगा।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.
Updated on:
03 Jun 2019 02:54 pm
Published on:
03 Jun 2019 02:10 pm
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
