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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ कर दिया है कि देश की इकोनॉमी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाना पड़े, जाएंगे। किसी भी तरह की कोई कोताही नहीें बरती जाएगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के दौरान दास ने कहा कि मैक्रो-इकोनॉमी पर इसके बहुत अधिक प्रभाव से पहले इसके प्रसार को रोकने की जरुरत है। इन परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में लिक्विडिटी को बढ़ाना काफी जरूरी है, क्योंकि यह देश की इकोनॉमी की रीढ़ है।
किया जाएगा हर संभव प्रयास
उन्होंने कहा, हम एक असाधारण समय से गुजर रहे हैं और वर्तमान में देश के सामने जो स्थिति है, वह अभूतपूर्व है। इसलिए घरेलू अर्थव्यवस्था को महामारी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य सुकून देने वाला है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मैक्रो-इकोनॉमी में निरंतर सुधार हो रहा है, खासकर वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की स्थितियों को देखें तो इसमें सुधार है।
कोरोना वायरस एक अदृश्य वार
दास ने बैठक के दौरान कोरोना महामारी को अदृश्य रूप से वार करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि इस महामारी पर जल्द-से-जल्द काबू पाए जाने की जरूरत है। इस दौरान दास ने 24, 26 और 27 मार्च को हुई बैठक के दौरान 75 आधार अंकों की कटौती पर भी अपनी सहमति जताई। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक नजर बनाए हुए है और वह कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता कायम करने के लिए किसी भी तरह के पारंपरिक और गैर-पारंपरिक कदम उठाने से नहीं हिचकेगा।
Updated on:
14 Apr 2020 07:48 am
Published on:
13 Apr 2020 06:26 pm
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