
Relief in manufacturing sector after core, decline still persist
नई दिल्ली। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इस साल मई की तुलना में जून में उत्पादन और नए ऑर्डरों में कमी आई और कंपनियों ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छँटनी जारी रखी। उसके बाद भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की पीएमआई मई के मुकाबले काफी बेहतर रही। जानकारों की मानें तो आने वाले महीनों में इसम और सुधार देखने के मिल सकता है। आइए आपको भी बताते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में किस तरह और कितनी तेजी देखने को मिली है।
जारी हुई रिपोर्ट
आईएचएस मार्किट द्वारा बुधवार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआइ की रिपोर्ट को जारी किया गया। माह-दर-माह आधार पर जारी होने वाला सूचकांक जून में 47.2 दर्ज किया गया जिसका मतलब यह है कि मई की तुलना में विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट आयी है। सूचकांक का 50 से कम रहना पिछले महीने के मुकाबले गिरावट को और 50 से ऊपर रहना वृद्धि को दर्शाता है जबकि 50 का अंक स्थिरता का द्योतक है।
लगातार तीसरे महीने देखने को मिली है गिरावट
मार्च की तुलना में अप्रैल में और अप्रैल की तुलना में मई में भारी गिरावट रही थी। उस लिहाज से मई के मुकाबले जून की गिरावट कम रही। अप्रैल में सूचकांक 27.4 और मई में 30.8 दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मई ऐतिहासिक छंटनी के बाद कंपनियों ने जून में भी छंटनी जारी रखी हालांकि यह मई की तुलना में कम रही, लेकिन फिर भी छँटनी की रफ्तार जून में काफी तेज रही। आर्थिक गतिविधियां सुस्त पडऩे से मांग में आई कमी के कारण कंपनियों ने कर्मचारियों को निकाला है।
Updated on:
01 Jul 2020 02:50 pm
Published on:
01 Jul 2020 02:47 pm
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
