
हर भारतीय पर है इतने रुपए का कर्जा, इस रिपोर्ट ने किया खुलासा
नई दिल्ली। सभी देश अपने यहां विकास और नागरिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेते हैं। यह कर्ज काफी कम कीमत पर लंबी अवधि के लिए लिया जाता है। इससे देशों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है। सरकार इस कर्ज की वापसी नागरिकों से करों और अन्य माध्यमों से होने वाली कमाई से करती है। आमतौर पर देशों पर जो कर्ज होता है उसको उस देश के सभी नागरिकों पर माना जाता है। यदि सभी नागरिक अपने हिस्से का कर्ज चुका दें तो वह देश कर्जमुक्त हो सकता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में भारत पर वर्ल्ड बैंक के कर्ज का खुलासा हुआ है। आइए आपको बताते है कि कुल कर्ज के हिसाब से भारत के एक नागरिक पर कितने रुपए का कर्ज है।
भारत के एक नागरिक पर इतने रुपए का कर्ज
हाल ही में सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के माध्यम से मिली रिपोर्ट के अनुसार भारत पर वर्ल्ड बैंक के कुल कर्ज को लेकर खुलासा हुआ है। पंजाब के आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभ्रवाल की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज को लेकर पूछे गए सवाल का डिपार्टमैंट ऑफ इकोनोमिक अफेयर मिनिस्ट्री ऑफ फाइनांस ने जवाब दिया है। इस आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत पर वर्ल्ड बैंक का करीब 176614 करोड़ रुपए का कर्ज है। यदि इसको भारत की कुल करीब 130 करोड़ की आबादी पर समान रूप से बांट दिया जाए तो यह 1412 रुपए के करीब होती है। इस हिसाब से भारत का हर नागरिक 1412 रुपए का कर्जदार है।
कर्ज देने में भारत पूरा ईमानदार
आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इससे पहले भी वर्ल्ड बैंक से कर्ज लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 1955 से वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेता आ रहा है। साथ ही भारत ने अब तक वर्ल्ड बैंक को पूरी ईमानदारी से ब्याज समेत कर्च चुकाया है। जबकि कई अन्य देशों का रिकॉर्ड इस मामले में खराब है। पड़ोसी देश पाकिस्तान की बात करें तो इस पर इस देश के सभी नागरिकों पर एक लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज है। आपको बता दें कि पाकिस्तान की आबादी करीब 20 करोड़ है।
Published on:
03 Nov 2018 04:42 pm
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