
टाटा को लग सकता है बड़ा झटका, छिन सकता है जमशेदपुर शहर
नई दिल्ली। जमशेदपुर जिसको टाटानगर के नाम से भी जाना जाता हैं। जिसकी स्थापना टाटा समूह ने की थी। जमशेदपुर की स्थापना को तकरीबन 99 साल हो चुके है और तब से लेकर अब तक जमशेदपुर में टाटा समूह का प्रशासनिक नियंत्रण है। लेकिन अब 99 साल बाद जमशेदपुर टाटा समूह से छीनने जा रहा हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है की जमशेदपुर को टाटा समूह से लेकर एक चुनी हुई संस्था को दे दिया जाए। इसी याचिका पर जब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की तो झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया गया हैं।
याचिका में क्या कहा गया?
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में टाटा समूह पर कई आरोप लगाये गए हैं। उनमें से एक आरोप यह है की टाटा समूह जमशेदपुर के विकास पर ध्यान नहीं दे रही हैं। टाटा समूह पर भेदभाव का आरोप भी लगाया गया हैं। कहा गया है की जमशेदपुर शहर में बाहरी लोगों के खिलाफ टाटा कंपनी भेदभाव कर रही है। इतना ही नहीं जमशेदपुर में हो रही सुविधाओं के अभाव को लेकर कहा गया है कि यह शहर न तो एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप है और न ही नगर निगम जैसी किसी चुनी हुई संस्था के अधीन है। जमशेदपुर अब भी एक अधिसूचित एरिया काउंसिल द्वारा प्रशासित शहर है। इसलिए शहर में रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
खबरों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इसके लिए अंतरिम फैसला लेने को कहा है। इससे पहले जब यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में था तो झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि वह या तो जमशेदपुर को इंडस्ट्रियल टाउनशिप घोषित करे या फिर शहर को पंचायती राज कानून के तहत चुनी हुई संस्था के हवाले करे।
Published on:
15 Jul 2018 02:54 pm
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