आईएफएससी अपने लक्ष्यों को पूरा कर पाए, इसके लिए जरूरी है कि इसके संचालन के नियम सोच-समझ कर लागू हों, जिन्हें कारोबार के सरलीकरण को ध्यान में रखकर बनाया गया हो। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूंजीकरण को दिया जाने वाला सहयोग घरेलू बैंङ्क्षकग प्रणाली को पूंजीकृत करेगा, जिससे विदेशी आईएफएससी में भी कारोबार करने में आसानी होगी। इसीलिए यह जरूरी है कि बाहरी वित्तीय केंद्रों को आकर्षक बनाने के दिशा में घरेलू बैंङ्क्षकग प्रणाली को पूंजीकृत करने का भी प्रावधान हो। उन्होंने साथ ही भारत में वित्तीय करारों का संचालन करने वाले मौजूदा कानूनों की समीक्षा की बात की। गिफ्ट सिटी का आईएफएससी 2008 की वैश्विक मंदी के बाद संभवत पहली बार खुला केंद्र है। आरबीआई आईएफएससी से संबद्ध सभी पक्षों के साथ गिफ्ट के विकास में मदद के लिए हाल के वर्षाें में विभिन्न विषयों पर काम कर रहा है।