
नई दिल्ली। अमरीकी प्रशासन ने औपचारिक तौर पर चीन पर करंसी में हेरफेर करने का आरोप लगाते हुए युआन को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही अब दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर उलझने के आसार बढ़ गये हैं। अमरीका की तरफ से अतिरिक्त टैरिफ के बाद चीनी सरकार ने सोमवार को विरोध जताते हुए डॉलर के मुकाबले चीनी करंसी युआन को गिरने दिया।
अमरीकी ट्रेजरी विभाग ने अपने बयान में कहा है कि चीन की इस हरकत का जवाब ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के रूप में दे दिया है। चीन की इन हरकतों की वजह से दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की रिश्ते पर बुरा असर प्रभाव पड़ रहा है।
एशियाई बाजार पर असर
डॉलर के मुकाबले युआन में गिरावट के बाद वैश्विक बाजारों पर भी इसका असर देखने को मिला। मंगलवार को एशियाई बाजारों के कई प्रमुख इंडेक्स में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में भी गिरावट देखने को मिली। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 70.90 के स्तर पर खुला।
अमरीकी प्रतिक्रिया के बाद चीनी सेंट्रल बैंक के प्रमुख यी गांग ने कहा कि ट्रेड वॉर से निपटने के लिए चीन अपनी करंसी का इस्तेमाल नहीं करेगा। गांग ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि हालिया उतार-चढ़ाव के बावजूद भी चीनी करंसी में मजबूती बरकरार रहेगी।"
एशियाई बाजार पर असर
डॉलर के मुकाबले युआन में गिरावट के बाद वैश्विक बाजारों पर भी इसका असर देखने को मिला। मंगलवार को एशियाई बाजारों के कई प्रमुख इंडेक्स में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में भी गिरावट देखने को मिली। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 70.90 के स्तर पर खुला।
अमरीकी प्रतिक्रिया के बाद चीनी सेंट्रल बैंक के प्रमुख यी गांग ने कहा कि ट्रेड वॉर से निपटने के लिए चीन अपनी करंसी का इस्तेमाल नहीं करेगा। गांग ने कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है कि हालिया उतार-चढ़ाव के बावजूद भी चीनी करंसी में मजबूती बरकरार रहेगी।"
चीन के खिलाफ IMF जायेगा अमरीका
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि डॉलर के मुकाबले युआन चिन्हित 7 के स्तर से फिसल चुका हैं। वहीं, अमरीकी ट्रेजरी सचिव स्टीवेन न्यूचिन ने कहा कि हम इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने चीन की हालिया हरकतों को देखते हुये प्रतिस्पर्धात्मक लाभ लेने के विषय पर बात करेंगे।
साल 1990 के बाद पहली बार है ऐसा हुआ है कि अमरीका ने किसी देश पर करंसी में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। आधिकारिक तौर पर तो इस आरोप से पहले अमरीका की चीनी सरकार से बातचीत की आवश्यकता होती है। लेकिन, दोनो देशों के बीच बीते एक साल ट्रेड वॉर को लेकर वार्ता होती है।
राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने किया था जिक्र
गौरतलब है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2016 के दौरान अपने कैंपेन में भी कहा था कि चीन डॉलर के मुकबले युआने में हेरफेर करता है। हालांकि, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमरीकी ट्रेजरी विभाग ने इस संबंध में कोई कदम उठाने से मना कर दिया था। आमतौर पर ट्रेजरी विभाग छमाही आधार पर अमरीकी कांग्रेस को करंसी नीति से संबंधित रिपोर्ट सौंपता है, लेकिन सोमवार को उसके द्वारा लिया गया यह फैसला इस रिपोर्ट से बाहर था।
ट्रेजरी विभाग की अगली रिपोर्ट आगामी कुछ महीनों में जारी होने वाली है। करीब एक दशक पहले भी चीनी करंसी में हेरफेर को लेकर अमरीका ने आईएमएफ का दरवाजा खटखटाया था।
Updated on:
06 Aug 2019 01:25 pm
Published on:
06 Aug 2019 01:24 pm
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